कामचोर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कसेगा शिकंजा, हर महीने छंटनी करेगी सरकार
क्या है खबर?
केंद्र सरकार कामचोर सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाने जा रही है।
नवभारत टाइम्स के मुताबिक, अब हर महीने केंद्रीय कर्मचारियों का मूल्यांकन होगा।
सरकार सभी मंत्रालयों और विभागों से उन कर्मचारियों की लिस्ट मांगेगी, जिन्हें समय से पहले रिटायर किया जा सकता है।
अगर ऐसा होता है तो सरकारी कर्मचारियों के रवैये में बड़ा बदलाव आएगा, जिससे लोगों के काम आसानी और तेजी से हो सकेंगे।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
व्यवस्था
विभागों और मंत्रालयों से मांगी लिस्ट
सरकार ने पिछले दिनों आयकर विभाग के कई बड़े अधिकारियों को जबरन रिटायर किया था।
अब सरकार की इस कार्रवाई का दायरा केंद्रीय अधिकारियों से बढ़कर सार्वजनिक उद्यमों और बैंक कर्मचारियों तक बढ़ेगा।
सरकार ने पत्र लिख सभी मंत्रालयों और विभागों को पत्र लिखकर हर महीने ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट देने को कहा है जो अपने काम से विभाग के मानकों पर खरा नहीं उतरते।
ऐसे कर्मचारियों को समय से पहले रिटायर किया जाएगा।
जानकारी
अलग से मांगी भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट
पत्र में कहा गया है कि इस लिस्ट को बिना किसी पूर्वाग्रह के पारदर्शी तरीके और पुख्ता आधार पर तैयार किया जाना चाहिए। यह व्यवस्था इसी महीने से लागू हो रही है। इसके अलावा सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों की लिस्ट भी मांगी है।
नियम
पहले से मौजूद है कानून
देश में पहले से ऐसे कानून मौजूद हैं, जहां पर सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को जबरन रिटायर किया जा सकता है।
अब इस कानून का कड़ाई से पालन किया जाएगा। सातवें वेतन आयोग द्वारा कर्मचारियों की क्षमता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए दिए गए प्रस्ताव में भी इस व्यवस्था का जिक्र किया गया था।
अगर यह व्यवस्था सही तरीके से लागू होती है तो सरकारी कामकाज का ढांचा काफी हद तक सुधर सकता है।
कार्रवाई
टैक्स अधिकारियों को जबरन रिटायर कर चुकी है सरकार
केंद्र सरकार ने पिछले महीने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम को और आगे बढाते हुए 15 वरिष्ठ टैक्स अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है। इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप थेे।
सरकार ने जून की शुरुआत में भी ऐसी ही कार्रवाई में भारतीय राज्य सेवा (IRS) के 12 टैक्स अधिकारियों को जबरन रिटायर किया था।
इन पर भ्रष्टाचार, यौन उत्पीड़न और अवैध वसूली जैसे आरोप थे। हटाए गए अधिकारियों में कमिश्नर या ऊपर रैंक के अधिकारी थे।
जानकारी
नियम 56 के तहत हुई कार्रवाई
नियम 56 का प्रयोग ऐसे अधिकारियों पर किया जाता है जो 50-55 साल की उम्र के हों और 30 साल कार्यकाल पूरा कर चुके हों। अच्छा काम न करने वाले ऐसे अधिकारियों को सरकार जबरन रिटायर कर सकती है।