सरकार ने तैयार किया 'एक राष्ट्र, एक समय' का मसौदा, जानिए यह कैसे काम करेगा
क्या है खबर?
केंद्र सरकार अब भारतीय मानक समय (IST) में अधिक सटीकता हासिल करने की दिशा में काम कर रही है, जो ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) से 5:30 घंटे आगे है।
इसके लिए सरकार ने 'एक राष्ट्र, एक समय' का मसौदा तैयार कर लिया है। इसमें पूरे देश में एक समान और सटीक समय सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस मसौदे पर 14 फरवरी तक राय भी मांगी है। आइए जानते हैं यह कैसे काम करेगा।
IST
अब तक कैसे निर्धारित किया जाता है IST?
वर्तमान में IST को समन्वित सार्वभौमिक समय (UTC) से जुड़े GPS उपग्रहों का उपयोग करके निर्धारित किया जाता है।
हालांकि, रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह जल्द ही बदल जाएगा क्योंकि नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन (NavIC) प्रणाली को फरीदाबाद में राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (NPL) के साथ एकीकृत कर दिया गया है।
ऐसे में आने वाले समय में देश के 4 क्षेत्रीय केंद्रों पर IST का समय पूरी तरह से सटीक हो सकेगा।
निर्धारण
IST के निर्धारण में कैसे आएगी सटीकता?
NPL को NavIC संदर्भ समय प्रदान करेगा, जो इसे ऑप्टिक फाइबर कनेक्शन के माध्यम से अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर और गुवाहाटी में 4 क्षेत्रीय केंद्रों में वितरित करेगा।
सटीक समय के लिए प्रत्येक केंद्र में एक परमाणु घड़ी होगी। परमाणु घड़ियों की तैनाती के साथ, स्मार्टफोन, लैपटॉप और स्मार्टवॉच सहित डिजिटल उपकरणों पर प्रदर्शित समय को परमाणु घड़ी प्रणाली से मिलाया जाएगा।
परमाणु घड़ियां लाखों वर्षों में केवल एक सेकंड खोती हैं, जिससे वे आधुनिक प्रौद्योगिकी में बिल्कुल सटीक होंगी।
बयान
"पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं परमाणु घड़ियां"
प्रगति और परीक्षण उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे का कहना है, "देश के सभी 4 क्षेत्रीय केंद्रों पर परमाणु घड़ियां पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं और NPL के साथ NavIC लिंक का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है। अब इन परमाणु घड़ियों को फरीदाबाद में NPL के साथ संरेखित करने और ऑप्टिक फाइबर के माध्यम से समय हस्तांतरण को कैलिब्रेट करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। यह देश की बड़ी सफलता है।"
सटीकता
क्यों मायने रखती है IST में सटीकता?
सरकार ने नेविगेशन, दूरसंचार, पावर ग्रिड सिंक्रोनाइजेशन, बैंकिंग और वित्तीय लेनदेन, डिजिटल गवर्नेंस, उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान में सटीक समय-निर्धारण के महत्व पर प्रकाश डाला है।
इसके बाद भी IST को सभी दूरसंचार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं द्वारा अनिवार्य रूप से नहीं अपनाया गया है। कई अभी भी GPS जैसे विदेशी समय स्रोतों पर निर्भर हैं।
सरकार के अनुसार, सभी प्रणालियों और नेटवर्क को IST से सिंक्रोनाइज करना राष्ट्रीय सुरक्षा और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्बाध कामकाज के लिए महत्वपूर्ण है।
नियम
मसौदे के नियमों में क्या-क्या है?
प्रस्तावित मसौदा नियमों में वाणिज्य, परिवहन, कानूनी अनुबंध, लोक प्रशासन और वित्तीय परिचालन जैसे क्षेत्रों में IST का उपयोग जरूरी करने की सिफारिश है।
इसके अलावा अन्य प्रमुख प्रावधानों में आधिकारिक और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए IST के अलावा दूसरे अन्य समय संदर्भों पर प्रतिबंध, सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक संस्थानों में IST का अनिवार्य इस्तेमाल और विश्वसनीयता और साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए टाइम सिंक्रोनाइजेशन प्रणाली का इस्तेमाल शामिल है।
सख्ती
नियम तोड़ने पर लगेगा जुर्माना
रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय IST के सृजन और प्रसार के लिए एक मजबूत तंत्र बनाने के लिए राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (NPL) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ मिलकर काम कर रहा है।
इन नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जाएगा तथा समय-समय पर ऑडिट के माध्यम से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
आम जनता भी इस मामले में 14 फरवरी तक अपने सुझाव और टिप्पणियां दे सकती हैं।