पूर्व CBI निदेशक अश्वनी कुमार ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा- जीवन से तंग
क्या है खबर?
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के पूर्व निदेशक और मणिपुर और नागालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्वनी कुमार ने बुधवार को आत्महत्या कर ली। 69 वर्षीय अश्वनी को कल रात शिमला स्थित उनके घर पर छत से लटका पाया गया।
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अश्वनी पिछले कुछ समय से डिप्रेशन में चल रहे थे। उनके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसमें उन्होंने जिंदगी से तंग आने की बात कही है।
घटनाक्रम
आत्महत्या से पहले सैर करने गए थे अश्वनी
अश्वनी कुमार के परिवार के अनुसार, आत्महत्या से पहले वे शाम को सैर करने के लिए गए थे और ध्यान भी लगाया था।
शाम को उनके बेटा और बहू घूमने के लिए घर से बाहर चले और जब वे वापस लौटे तो उन्हें अश्वनी के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद मिला। दरवाजा खोलने पर वे फंदे से लटके मिले।
अश्वनी की आत्महत्या के समय उनकी पत्नी और बेटी घर के नीचे वाली मंजिल पर थे।
सुसाइड नोट
सुसाइड नोट में अश्वनी ने लिखा- अपनी बीमारी के चलते जीवन खत्म कर रहा हूं
पुलिस के मुताबिक, अश्वनी कुमार के शव के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। अपने इस सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि वे जिंदगी से तंग हैं और इसलिए अपना जान ले रहे हैं। अश्वनी ने लिखा है, "अपनी बीमारी और डिसएबिलिटी के चलते इस जीवन को ख़त्म कर रहा हूं और नए जीवन की ओर बढ़ रहा हूं।"
उनके परिवार ने भी उनकी मौत में किसी तरह की साजिश की आशंका व्यक्त नहीं की है।
करियर
CBI निदेशक समेत संभाली ये अहम जिम्मेदारियां
15 नवंबर, 1950 को हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में जन्मे अश्वनी कुमार 1973 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चुने गए थे और अपने करियर में उन्होंने कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दीं।
2006 से 2008 के बीच वे हिमाचल प्रदेश पुलिस के प्रमुख रहे और इसके बाद 2008 से 2010 के बीच CBI की कमान उनके हाथ में रही।
इसके अलावा में प्रधानमंत्री को सुरक्षा मुहैया कराने वाले विशेष सुरक्षा समूह (SPG) के प्रमुख भी रह चुके हैं।
जानकारी
2013 में मणिपुर और नागालैंड के राज्यपाल रहे अश्वनी
राजनीति की बात करें तो अश्वनी 2013 की शुरूआत में कुछ समय के लिए मणिपुर के राज्यपाल रहे और राज्यपाल बनने वाले CBI के पहले पूर्व निदेशक बने। मार्च, 2013 में उन्हें नागालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया, लेकिन 2014 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
बहुचर्चित मामला
आरूषि-हेमराज हत्या मामले की जांच के समय CBI निदेशक थे अश्वनी
CBI निदेशक के तौर पर अश्वनी बहुचर्चित आरूषि-हेमराज हत्या मामले से भी जुड़े रहे थे। निदेशक बनते ही उन्होंने मामले में एक नई टीम का गठन कर दिया था जिसने पुरानी टीम के विपरीत रिपोर्ट पेश की।
जहां पहली टीम ने हत्या में आरूषि के माता-पिता का हाथ होने से इनकार किया था, वहीं अश्वनी की बनाई टीम ने माता-पिता को ही हत्या का दोषी माना। हालांकि वे उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाने में नाकाम रहे थे।