INX मीडिया केस: पूर्व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से चिंतित पूर्व नौकरशाहों का प्रधानमंत्री को खत
INX मीडिया केस को लेकर 71 पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने इस केस में वित्त मंत्रालय के चार पूर्व अधिकारियों के खिलाफ चल रहे मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए लिखा कि ऐसे कदम ईनामदार और मेहनती अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्णय लेने से हतोत्साहित करेंगे। उन्होंने मांग की एक निश्चित समय होना चाहिए, जिसकी बाद फाइलों को दोबारा न खोला जाए। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
ये हैं पत्र लिखने वाले कुछ प्रमुख पूर्व नौकरशाह
प्रधानमंत्री को भेजे इस पत्र पर पूर्व कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर, पूर्व विदेश सचिव एवं पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह और पंजाब के पूर्व नौकरशाह जूलियो रिबेरियो जैसे सेवानिवृत्त नौकरशाहों के हस्ताक्षर हैं। इन्होंने 'संकीर्ण राजनीतिक लाभ' के लिए सेवानिवृत्त एवं सेवारत नौकरशाहों को 'चुनिंदा ढंग से निशाना बनाए जाने' पर भी चिंता व्यक्त की है। बता दें कि INX मीडिया केस में पूर्व वित्त पी चिंदबरम तिहाड जेल में बंद हैं।
इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को मिली मंजूरी
सरकार ने पिछले महीने CBI को नीति आयोग की पूर्व CEO सिंधुश्री खुल्लर, MSM मंत्रालय के पूर्व सेक्रेटरी अनूप पुजारी, वित्त मंत्रालय में तत्कालीन डायरेक्टर प्रबोध सक्सेना और आर्थिक मामले विभाग में पूर्व अंडर सेक्रेटरी रबींद्र प्रसाद पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी।
पूर्व अधिकारियों ने बताई कानूनी प्रक्रिया की जरूरत
प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में पूर्व नौकरशाहों ने लिखा कि कोई हैरानी नहीं होगी, जब सरकारी अधिकारी महत्वपूर्ण प्रस्ताव को टालने लगेंगे क्योंकि उनके लिए इसकी कोई गारंटी नहीं होगी कि ऐसे प्रस्तावों को मंजूरी देने के कई साल बाद उन्हें आपराधिक कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। पूर्व में लिए गए फैसलों को दोबारा खोलने के लिए कानूनी प्रक्रिया की जरूरत है। यह देखा जाना जरूरी है कि फैसला लेने के समय किस तरह की सूचनाएं मौजूद थीं।
क्या है INX मीडिया केस?
INX मीडिया केस में चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम पर पीटर और इंद्राणी मुखर्जी की कंपनी INX मीडिया प्राइवेट लिमिटेड से रिश्वत लेने का आरोप है। आरोपों है कि 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड लेने की अनुमति दिलाने के लिए उन्होंने 2007 में कंपनी से ये रिश्वत ली थी। तब चिदंबरम UPA सरकार में वित्त मंत्री थे और उन पर आरोप है कि कंपनी को नियमों के विपरीत सरकारी अनुमति दिलाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
CBI और ED में चल रहे दो अलग-अलग मामले
मामले में चिदंबरम पर CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) में अलग-अलग जांच चल रही हैं। CBI ने अपने मामले में चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था और 5 सितंबर तक वह उसकी कस्टडी में रहे। 5 सितंबर से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। वहीं ED मामले में 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत की उनकी याचिका खारिज करते हुए ED के उन्हें गिरफ्तार करने पर लगी रोक हटा दी थी।
राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे चिदंबरम
INX मीडिया केस में राहत का हर रास्ता बंद होने के बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर करते हुए इस पर जल्द सुनवाई की मांग की है। चिदंबरम INX मीडिया केस से संबंधित केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में भी जमानत याचिका दायर की थी, जिसे सोमवार को कोर्ट ने खारिज कर दिया था।