करनाल प्रशासन और किसानों के बीच गतिरोध समाप्त, लाठीचार्ज मामले की होगी न्यायिक जांच
क्या है खबर?
करनाल में लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे किसानों और प्रशासन के बीच गतिरोध समाप्त हो गया है।
किसान नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि किसानों पर हुए लाठीचार्ज की हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में न्यायिक जांच होगी। जांच पूरी होने तक किसानों का सिर फोड़ने का आदेश देने वाले अधिकारी आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे।
इसके अलावा एक मृतक किसान के परिवार के दो सदस्यों को नौकरी दी जाएगी।
पृष्ठभूमि
पुलिस ने किया था किसानों पर लाठीचार्ज
28 अगस्त को करनाल में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर सहित अन्य भाजपा नेताओं को रोकने की कोशिश कर रहे किसानों पर पुलिस ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज कर दिया था। इसमें कई किसान घायल हो गए थे।
इसके बाद लाठीचार्ज का आदेश देने वाले SDM आयुष सिन्हा सहित दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर किसानों ने करनाल में महापंचायत की थी।
इसमें किसानों ने अपनी मांगों को लेकर लघु सचिवालय को घेरने का फैसला किया था।
करनाल
तीन दौर की बातचीत में बनी मांगों पर सहमति
प्रशासन और सरकार जहां पहले किसानों से धरना समाप्त करने की मांग करती रही तो किसानों ने साफ कर दिया कि उनकी मांगे नहीं माने जाने तक वो नहीं हटेंगे।
इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच तीन दौर की बातचीत हुई थी। शुक्रवार को तीसरे दौर की बातचीत के बाद किसान नेताओं ने धरना समाप्त करने के संकेत दिए थे।
आज सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में करनाल प्रशासन और किसानों ने समझौता का ऐलान कर दिया।
बयान
एक महीने के भीतर पूरी होगी जांच
मीडिया को समझौते की जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज एक महीने के भीतर यह जांच पूरी करेंगे। तब तक आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे।
उन्होंने आगे बताया कि मृतक किसान सतीश काजल के परिवार के दो सदस्यों को DC रेट पर नौकरी दी जाएगी।
किसानों का दावा है कि लाठीचार्ज से काजल की मौत हुई थी।
बयान
किसानों ने धरना समाप्त किया
किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने बताया, "हमने मुआवजा और एक नौकरी मांगी थी। मौत की भरपाई नहीं हो सकती, लेकिन प्रशासन ने दो परिजनों को DC रेट पर नौकरी दी है और एक सप्ताह में नियुक्ति हो जाएगी।"
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने भरोसा दिया है कि किसानों का सिर फोड़ने का आदेश देने वाले अधिकारी को जांच पूरी होने तक छुट्टी पर भेजा जा सकता है।
किसानों ने अपना धरना समाप्त करने का भी ऐलान कर दिया है।
जानकारी
विज ने भी कही थी जांच की बात
इससे पहले गुरुवार को हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने भी घटना की जांच कराने की बात कही थी।
उन्होंने कहा था, "28 अगस्त को किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज और आयुष सिन्हा के बयान सहित पूरी करनाल घटना की विस्तृत जांच कराई जाएगी। इसमें यदि किसान नेता दोषी पाए गए तो हम उनके खिलाफ भी एक्शन लेंगे।"
उन्होंने कहा, "केवल आयुष सिन्हा नहीं, हम किसी भी अधिकारी को मामले की पूरी जांच के बिना सजा नहीं दे सकते हैं।"