दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों के कर्मचारियों को दो महीने से नहीं मिल रहा वेतन
क्या है खबर?
दिल्ली यूनिवर्सिटी के अधीन आने वाले 12 कॉलेजों में दो हजार से अधिक लेक्चरर और अन्य कर्मचारियों को पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिला है।
इसके कारण कर्मचारियों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।
इन कॉलेजों को दिल्ली सरकार की ओर से वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाती हैं, लेकिन कॉलेजों की ओर से वेतन बिलों की गवर्निंग बॉडी से स्वीकृति नहीं लेने के कारण सरकार ने अनुदान जारी करने पर रोक लगा दी है।
कॉलेज
इन कॉलेजों के कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
जिल कॉलेजों के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है उनमें इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज, शहीद राज गुरु कॉलेज, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज, आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, केशव महाविद्यालय, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन और भास्कराचार्य कॉलेज शामिल हैं।
अवैध काम
उप-मुख्यमंत्री ने कही कॉलेजों में अवैध काम होने की बात
मामले में दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज के प्राचार्य हेमचंद जैन ने कहा कि अनुदान नहीं मिलने से लेक्चरर और मंत्रालयिक कर्मचारियों के अलावा सफाईकर्मी और संविदाकर्मियों का भी भुगतान नहीं हो पा रहा है।
आगामी 1 अप्रैल को भुगतान नहीं किया जा सकेगा। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार वित्तपोषी कॉलेजों में अवैध काम हो रहा है। कॉलेजों का बिना गवर्निंग बॉडी के बेहतर संचालन नहीं किया जा सकता है।
मुलाकात
कुलपति से मिलेंगे सरकारी प्रतिनिधि
एक अन्य कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि दिल्ली सरकार की ओर से मुद्दे को कब और कैसे हल करने को लेकर अभी तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
हालांकि, उन्हें आगामी 17 मार्च को सरकारी प्रतिनिधि द्वारा कुलपति योगेश त्यागी से मुलाकात करने की जानकारी मिली है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक प्रतिनिधि ने इसकी पुष्टि भी की है। उन्होंने यही बताया कि यूनिवर्सिटी की कार्यकारी परिषद 13 मार्च को गवर्निंग बॉडी के नामों पर मंजूरी दे सकती है।
चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने कही थी नियमानुसार काम नहीं करने की बात
बता दें कि कॉलेजों ने कुलपति से मदद मांगी थी। उन्होंने कुछ नाम भी निर्धारित कर लिए थे, लेकिन चुनाव आयोग के सदस्य राजेश झा ने कुलपति द्वारा गवर्निंग बॉडी के चयन में नियमों का पालन नहीं करने की बात कही थी।
गत वर्ष भी दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन ने चुनाव आयोग से मंजूरी के लिए गवर्निंग बॉडी के नामों की सूची तैयार नहीं की थी। यही कारण है कि कॉलेजों को अनुदान के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
आरोप
दिल्ली यूनिवर्सिटी के अधिकारी ने AAP सरकार पर लगाए आरोप
दिल्ली यूनिवर्सिटी के अधिकारी ने AAP सरकार पर गवर्निंग बोर्ड के कुछ सदस्यों के चयन में नियमों की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि सरकार और यूनिवर्सिटी के बीच हुए समझौते में यह कहीं नहीं लिखा था कि गवर्निंग बॉडी के चयन के बिना किसी भी कॉलेज को अनुदान नहीं दिया जाएगा।
भीमराव अंबेडकर कॉलेज के लेक्चरर सुजीत कुमार ने इस स्थिति के लिए दो राजनीतिक दलों के बीच लड़ाई को जिम्मेदार ठहराया है।