दिल्ली: चार महीनों से वेतन का इंतजार कर रहे हिंदू अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर
क्या है खबर?
पिछले चार महीनों से वेतन मिलने का इंतजार कर रहे दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों और नर्सों ने रविवार से हड़ताल शुरू कर दी है।
पिछले कई सप्ताह से वेतन देने की मांग कर रहे 220 रेजिडेंट डॉक्टर और लगभग 300 नर्सिंग स्टाफ रोजाना कुछ घंटो तक अपना काम रोक कर प्रदर्शन कर रहे थे।
इन डॉक्टरों ने सोशल मीडिया पर अभियान चलाया था ताकि लोगों का ध्यान खींचा जा सके।
स्थिति
अंतिम बार जून में मिला था डॉक्टरों को वेतन
विशेष रूप से कोरोना मरीजों के लिए निर्धारित किया गया हिंदू राव अस्पताल उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) के तहत आता है।
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) के अनुसार, हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद उन्हें अंतिम बार जून में वेतन मिला था।
डॉक्टरों का कहना है कि पहले भी दो-तीन महीने तक उनका वेतन रोका गया था।
यह मामला NDMC की बैठक में भी उठ चुका है, लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं हुआ है।
व्यवस्था
कोरोना मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भर्ती किया गया
शनिवार तक इस अस्पताल में 23 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती थे। डॉक्टरों के हड़ताल की आह्वान को देखते हुए दिल्ली सरकार ने इन मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भर्ती करवा दिया है।
23 में से 11 मरीजों को LNJP अस्पताल, दो को अरुणा आसिफ अली अस्पताल भेजा गया है।
तीन की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें इसी अस्पताल में वरिष्ठ डॉक्टरों में निगरानी में रखा गया है। वहीं बाकी को घर भेजा गया है।
प्रदर्शन
"जब तक वेतन नहीं, तब तक काम नहीं"
रविवार को हड़ताल के दौरान कई डॉक्टर अस्पताल के बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी करते नजर आए। इनका कहना है कि जब तक उन्हें वेतन नहीं मिलता, वो काम पर नहीं लौटेंगे।
NDTV से बात करते हुए एक रेजिडेंट डॉक्टर ज्योत्सना प्रकाश ने कहा, "हमें किराया देना होता है। इस उम्र में भी हमें अपने परिजनों से पैसे मांगने पर मजबूर होना पड़ रहा है क्योंकि घंटो तक काम करने के बाद भी हमें हमारा वेतन नहीं दिया जा रहा है।"
बयान
एक महीने का वेतन देने की बात कर रही अथॉरिटी
एक और रेजिडेंट डॉक्टर पीयूष सिंह ने कहा, "11-12 दिनों से हम प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक हमें यह नहीं पता है कि वेतन कब मिलेगा। वो कहते हैं कि एक महीने का वेतन ले लो और काम पर लौट जाओ। यह कैसा समाधान है? बार-बार वेतन मिलने में देरी हो रही है। हमने कई बार अथॉरिटी को इस बात की शिकायत भी दी है, लेकिन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ है।"
सहयोग की अपील
"समाज को डॉक्टरों का साथ देने की जरूरत"
अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के महासचिव डॉक्टर सिद्धार्थ ने कहा, "हम चाहते हैं कि समाज हमारे साथ आए। जब तक जनप्रतिनिधियों पर लोगों का दबाव नहीं बढ़ेगा, तब तक वो कार्रवाई नहीं करेंगे। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते लोगों को अपने विधायकों को फोन कर पूछना चाहिए कि डॉक्टरों को समय पर उनका वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा है।"
वहीं एसोसिएशन के प्रमुख ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से डॉक्टरों का काम प्रभावित होता है।
राजनीति
एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही सरकार और NDMC
NDMC ने डॉक्टरों को वेतन न मिलने के पीछे आम आदमी पार्टी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। NDMC का कहना है कि सरकार ने उसका बकाये का भुगतान नहीं किया है।
साथ ही NDMC महामारी के कारण फंड न होने की बात भी कह रही है।
वहीं सरकार ने इस पर पलटवार किया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि अगर NDMC अस्पताल को नहीं चला पा रही है तो इसे सरकार को सौंप दे।