अमृता फडणवीस ने मुंबई की डिजाइनर के खिलाफ दर्ज करवाई FIR, जानें मामला
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने मुंबई में एक डिजाइनर के खिलाफ धमकी और साजिश रचने का आरोप लगाते हुए एक FIR दर्ज करवाई है। 20 फरवरी को दर्ज कराई गई FIR में अमृता ने आरोप लगाया है कि अनिक्षा नाम एक महिला, जो पेशे से फैशन डिजाइनर है, उसने अपने पिता से जुड़े एक आपराधिक मामले में हस्तक्षेप करने के लिए उन्हें 1 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की थी।
पुलिस रिपोर्ट में अमृता फडणवीस ने क्या कहा?
मुंबई पुलिस को दी रिपोर्ट में अमृता ने बताया कि अनिक्षा ने कथित तौर पर नवंबर, 2021 में पहली बार उनसे संपर्क किया था और अनिक्षा 16 महीने से अधिक समय से उनके संपर्क में थी। अमृता ने कहा कि अनिक्षा ने बीती 18 और 19 फरवरी को एक अज्ञात नंबर से अपने वीडियो क्लिप, वॉयस नोट्स और संदेश उन्हें भेजे और वह अपने पिता के साथ मिलकर उनके खिलाफ साजिश रच रही थी।
अमृता को आरोपियों ने क्या की थी पेशकश?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अमृता ने बताया कि अनिक्षा ने कहा कि उसके पिता के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। उसके पिता कई सट्टेबाजों की जानकारी पुलिस को देते रहे हैं। उन्होंने कहा, "उसने (अनिक्षा) पेशकश की कि वे या तो पुलिस को सट्टेबाजों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश देकर पैसा कमा सकती हैं या वे उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करके उनसे पैसे भी ले सकती हैं।"
उसका फोन नंबर कर दिया था ब्लॉक- अमृता
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमृता ने बताया कि अनिक्षा उनसे अक्सर सार्वजनिक कार्यक्रमों में अपने डिजाइन किये हुए कपड़े और ज्वैलरी पहनने के लिए कहती थी, जिससे उसके काम को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अनिक्षा ने 16 फरवरी को रात 9:30 बजे कॉल करके बताया कि उसके पिता एक मामले में आरोपी हैं, जिन्हें बचाने के लिए 1 करोड़ रुपये रिश्वत देने की पेशकश गई। इसके बाद अमृता ने उसका फोन नंबर ब्लॉक कर दिया।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया मामला
पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर आरोपी अनिक्षा और उसके पिता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120 (B) (साजिश रचने) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 8 और 12 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच जारी है, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस मामले में जांच पूरी होने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।