दिल्ली: कुलदीप सिंह सेंगर के विरोध और समर्थन में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन, बढ़ा विवाद
क्या है खबर?
उन्नाव दुष्कर्म मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद फिर से राजनीति तेज हो गई है। रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर दुष्कर्म पीड़िता और उनकी मां प्रदर्शन करने पहुंचीं। इस दौरान भीड़ के बीच सेंगर के समर्थक भी पहुंच गए। उन्होंने 'भाजपा जिंदाबाद' के नारे लगाए। पीड़िता की मां ने इसका विरोध किया। इससे माहौल गरमा गया। इस दौरान पीड़िता की मां अचानक बेहोश हो गई। पीड़िता की मां ने सेंगर के लिए फांसी की मांग की।
प्रकरण
क्या है पूरा मामला?
पीड़िता के समर्थन में जंतर-मंतर में प्रदर्शन चल रहा था। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थी। हालांकि, इस दौरान सेंगर के समर्थक भी मौके पर पहुंच गए। भीड़ के बीच एक महिला 'बीजेपी जिंदाबाद' के नारे लगाने लग गई। उसके हाथ में एक तख्ती भी थी, जिस पर 'आई सपोर्ट कुलदीप सेंगर' लिखा था। यह देखकर पीड़िता के समर्थक गुस्से से भर गए। इस दौरान सेंगर समर्थक ने दुष्कर्म के नाम पर राजनीति न करने की बात कही।
समर्थन
सेंगर के समर्थन में पहुंची महिला कौन थी?
सेंगर के समर्थन में आई महिला कोई नहीं, बल्कि पुरुष आयोग की अध्यक्ष बरखा त्रेहान है। उनको लेकर सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने कहा, "मुझे लगता है कि बरखा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उन्हें उपचार की जरूरत है। वह सेंगर का समर्थन करने वाली पहली और आखिरी महिला होगी। हमारे देश में 90 प्रतिशत अपराध महिलाओं के खिलाफ होते हैं। इसके बाद भी बरखा सेंगर का पक्ष लेती है, तो यह मूर्खता के अलावा कुछ नहीं है।"
चिंता
बच्चों की सुरक्षा को लेकर पीड़िता ने जताई चिंता
पीड़िता ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले से वह अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। पीड़िता ने कहा, "मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि वह मुझे जरूर न्याय देगा। मैं हर महिला की आवाज उठा रही हूं। अगर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने यह पहले किया होता, तो मुझे न्याय मिल गया होता।" पीड़िता ने कहा, "हाई कोर्ट ने सेंगर को जमानत देकर मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ साजिश के लिए खुला छोड़ा है।"
सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में 29 दिसंबर को होगी सुनवाई
बता दें कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद CBI ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका दायर की है, जिस पर 29 दिसंबर को सुनवाई होगी। सुनवाई सूची के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली अवकाश पीठ मामले की सुनवाई करेगी, जिसमें जस्टिस जेके माहेश्वरी और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल हाेंगे। इधर, पीड़िता और उसकी मां ने सुप्रीम कोर्ट ने सेंगर की जमानत खारिज करने की मांग की है।
जमानत
सेंगर को किस आधार पर मिली जमानत?
हाई कोर्ट ने माना कि सेंगर के खिलाफ POCSO अधिनियम की धारा 5(C) के तहत अपराध नहीं बनता है। कोर्ट ने कहा कि सेंगर को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376(2)(B) के लिए लोक सेवक श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। कोर्ट ने ये भी कहा कि पीड़िता की जान को खतरा होने को देखते हुए कोर्ट किसी व्यक्ति को इस वजह से हिरासत में नहीं रख सकते कि पुलिस या अर्धसैनिक बल अपना काम ठीक से नहीं करेंगे।