दिल्ली दंगा 2020: पुलिस ने कपिल मिश्रा की FIR की मांग का विरोध किया, निर्दोष बताया
क्या है खबर?
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में 2020 में हुए दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा को निर्दोष बताते हुए FIR का विरोध किया है।
पुलिस ने मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ FIR की मांग वाली याचिका का विरोध करते हुए राउज़ एवेन्यू कोर्ट के समक्ष अपनी लिखित दलीलें दाखिल कीं हैं।
पुलिस ने कहा कि मिश्रा को इस मामले में फंसाया जा रहा है, जबकि 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।
आरोप
दंगों से पहले कपिल मिश्रा पर लगे थे भड़काऊ भाषण के आरोप
कपिल का 23 फरवरी को ट्विटर पर एक वीडियो सामने आया, जिसमें वे मौजपुर ट्रैफिक सिग्नल के पास भाषण देते दिख रहे हैं।
मिश्रा ने DCP (उत्तर-पूर्व) के पास खड़े होकर जाफराबाद में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध करने वाली महिलाओं पर निशाना साधा था।
उन्होंने दिल्ली पुलिस को 3 में सड़कें खाली कराने का "अल्टीमेटम" दिया था और कहा था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें खुद सड़कों पर उतरना पड़ेगा और कोई उन्हें रोक नहीं पाएगा।
हिंसा
दिल्ली दंगे में मारे गए 53 लोग
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में CAA को लेकर 24 से 26 फरवरी, 2020 के बीच लगातार 3 दिन दंगे हुए थे।
इनमें 53 लोगों की मौत हुई थी, जबकि लगभग 500 घायल हुए थे। मरने वालों में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल भी शामिल थे।
इस दौरान संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ था और दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों समेत जो भी आगे आया, उसमें आग लगा दी। एक पेट्रोल पंप को भी आग लगाई थी।