जम्मू-कश्मीर: डांगरी हमले के बाद VDC को सक्रिय करने का फैसला, CRPF देगी ट्रेनिंग
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के डांगरी इलाके में हुए आतंकी हमलों के बाद केंद्र सरकार ने विलेज डिफेंस कमेटीज (VDC) के सदस्यों को ट्रेनिंग देने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को तैनात किया है।
डांगरी इलाके में साल की शुरुआत में एक के बाद एक हुए दो आतंकी हमलों में सात नागरिकों की मौत हो गई थी। इन लक्षित हमलों में जान गंवाने वालों में दो बच्चे भी शामिल थे।
बता दें VDC में स्थानीय नागरिक शामिल होते हैं।
जानकारी
कई साल बाद सक्रिय हो रही हैं VDC
VDC को कई साल बाद सक्रिय किया जा रहा है। दरअसल, 90 के दशक में जब आतंकी हिंदू समुदाय के लोगों को निशाना बना रहे थे, तब 1995 में जम्मू क्षेत्र में सबसे पहले VDC गठित की गई थीं।
हालांकि, बाद में VDC के सदस्यों पर अपहरण और रेप समेत कई आरोप लगे थे, जिसके चलते इन्हें निष्क्रिय कर दिया गया था।
अब एक बार फिर इन्हें सक्रिय किया जा रहा है।
फैसला
पिछले साल सरकार ने लिया था फैसला
पिछले साल मार्च में गृह मंत्रालय ने VDC को फिर से सक्रिय करने का फैसला लिया था और इसका नाम बदलकर विलेज डिफेंस गार्ड्स (VDG) कर दिया गया था।
हालांकि, उसके बाद इसकी शुरुआत लगातार टलती रही, लेकिन डांगरी में हुए हमलों के बाद आखिरकार सरकार ने इन्हें फिर से शुरू करने को हरी झंडी दिखा दी है।
गृह मंत्रालय ने फैसला लिया है कि VDG में शामिल नागरिकों को ट्रेनिंग देने के लिए CRPF की मदद ली जाएगी।
बयान
अल्पकालिक कदम है VDC को दोबारा सक्रिय करना- अधिकारी
द हिंदू से बात करते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह अल्पकालिक कदम है। इसका उद्देश्य बढ़ते आतंकी हमलों के बीच सीमाई गांवों में हथियारबंद लोगों की उपस्थिति बढ़ाना है। इससे लोगों में भी भरोसा बढ़ेगा।
जानकारी के मुताबिक, यह कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर पुलिस के सहयोग से चलाया जाएगा। पुलिस जिन लोगों का चयन करेगी, CRPF केवल उन्हें ही हथियार चलाने की ट्रेनिंग देगी। पुलिस ने नवंबर में कैंप लगाकर VDG की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली थी।
जानकारी
इस बार दिए जाएंगे अपग्रेडेड हथियार
एक और सरकारी अधिकारी ने बताया कि अभी तक ट्रेनिंग का तरीका और VDG सदस्यों को दिए जाने वाले हथियारों पर फैसला नहीं हुआ है। हालांकि, इस बार इन्हें अपग्रेडेड हथियार दिए जाएंगे। अभी CRPF को केवल राजौरी और पूंछ जिले में ही VDG को ट्रेनिंग देने को कहा गया है।
VDG के कुछ सदस्यों को .303 राइफल्स और सेल्फ लोडिंग राइफल्स (SLRs) दी जा सकती हैं ताकि ये आतंकियों को आगे बढ़ने से रोक सकें।
जानकारी
जम्मू क्षेत्र में CRPF की अतिरिक्त तैनाती
इन सारे इंतजामों के अलावा केंद्र सरकार ने जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए CRPF के 1,800 जवान भेजे हैं। ये जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ काम करेंगे और आतंक-रोधी अभियानों के अलावा पेट्रोलिंग में भी मदद करेंगे।
आतंकी हमला
डांगरी में क्या हुआ था?
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पड़ने वाले डांगरी गांव में 1 जनवरी को आतंकियों ने हमला कर दिया था। दो आतंकवादी गांव में घुस आए और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इसमें चार लोगों की मौके पर मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए थे।
इस हमले को 24 घंटे भी नहीं बीते थे और 2 जनवरी को IED विस्फोट में दो बच्चों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हुए थे।