दिल्ली: परिवार का दावा, अस्पताल से लापता हुआ कोरोना संक्रमित मरीज
दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां कोरोना वायरस के इलाज के लिए भर्ती कराया गया एक मरीज पिछले छह दिनों से लापता बताया जा रहा है। दरअसल, 65 वर्षीय राज नारायण महतो में 1 जून को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद उन्हें LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब उनके बेटे नीरज ने अपने पिता के लापता होने की बात कही है।
साफ जवाब देने में आनाकानी कर रहा अस्पताल
महतो में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद नीरज ने उन्हेें जनकपुरी के माता चानण देवी अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां से उन्हें LNJP में रेफर कर दिया गया। अब नीरज का कहना है कि वो पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती अपने पिता के लिए खाना भेज रहे हैं, लेकिन हर बार इसे वापस लौटा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जब इस बारे में अस्पताल में पूछा गया तो उन्हें साफ जवाब नहीं मिला।
अस्पताल मान रहा मरीज के भर्ती होने की बात
अस्पताल के अधिकारी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि वहां पर राज नारायण महतो नाम का मरीज भर्ती है। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि महतो को ICU4 में भर्ती किया गया था।
पुलिस तक पहुंचा मामला
वहीं नीरज का कहना है कि उन्होंने अस्पताल का हर वार्ड छान मारा, लेकिन उनके पिता का पता नहीं चला। उन्होंने इंडिया टूडे से कहा, "मैंने अस्पताल के बताए वार्ड में भी देखा, लेकिन मेरे पिता वहां नहीं है। पहले वो वार्ड 31 में थे, जहां से ICU4 में भेजा गया, लेकिन वहां वो नहीं मिले। उनके पास फोन भी नहीं है। अब मैंने पुलिस को इस मामले की शिकायत दी है ताकि वो मेरे पिता का पता लगा सके।"
अहमदाबाद में भी सामने आया था अस्पताल की चूक का मामला
कोरोना वायरस संकट के दौरान अस्पतालों की तरफ से चूक का यह पहला मामला नहीं है। बीते महीने गुजरात से भी दो ऐसे ही चौंकाने वाले मामले सामने आए थे। पहले मामले में अहमदाबाद के एक अस्पताल ने कोरोना वायरस से ठीक हुए शख्स को छुट्टी देकर बस स्टॉप पर छोड़ दिया और उसके परिवार को इसकी सूचना नहीं दी गई। शख्स की वहीं मौत हो गई, जिसके बाद पुलिस ने फोन कर परिवार को उसकी मौत की सूचना दी।
अस्पताल ने परिवार से करवा दिया था अन्य व्यक्ति का अंतिम संस्कार
वहीं दूसरे मामले में अहमदाबाद के ही सिविल अस्पताल ने एक व्यक्ति के परिवार को कोरोना वायरस से संक्रमित किसी अन्य व्यक्ति का शव पकड़ा दिया। संक्रमण से बचने के लिए उन्होंने बिना बॉडी बैग खोले शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया। बाद में अस्पताल ने परिजनों को फोन कर बताया कि उनका मरीज अस्पताल में भर्ती है और स्वास्थ्य लाभ ले रहा है। इस बारे में आप यहां टैप कर विस्तार से पढ़ सकते हैं।