मुंबई: कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले बुजुर्ग को करना पड़ा था सामाजिक भेदभाव का सामना
क्या है खबर?
कोरोना वायरस (COVID-19) का प्रकोप पूरी दुनिया में लगतार बढ़ता जा रहा है। प्रतिदिन कोरोना संक्रमित और मृतकों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।
इससे पूरी दुनिया दहशत में हैं और अब इस दहशत ने भेदभाव का रूप भी धारण कर लिया है।
कोरोना संक्रमितों से भेदभाव का ताजा उदाहरण भारत के मुंबई में सामने आया है, जहां मंगलवार को कोरोना से जान गंवाने वाले 64 वर्षीय बुजुर्ग को सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा था।
शुरुआत
जांच में पॉजिटिव आने के साथ ही शुरू हो गया था भेदभाव
मुंबई की हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले मृतक के पड़ोसियों ने बताया कि गत 13 मार्च को 64 वर्षीय बुजुर्ग के जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
इसके बाद सोसायटी के लोगों ने उनसे भेदभाव करना शुरू कर दिया था।
हालत यह हो गई थी लोग उसे सोशल मीडिया और फोन पर अपमानजनक मैसेज भेजने लग गए थे। यहां तक कि एक मैसेज में तो उन्हें खुद की मौत की कल्पना करने तक के लिए कहा गया था।
परिवार
पत्नी और बेटे के भी हुई संक्रमण की पुष्टि
मृतक के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उसकी पत्नी और बेटे की भी जांच की गई थी। जिसमें उनके भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। उनका कस्तूरबा अस्पताल में उपचार चल रहा है।
बुजुर्ग की मौत के बाद संक्रमण के कारण उसकी पत्नी और बेटा तक अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका।
पड़ोसियों ने बताया कि उनकी पहचान करने वाले लोग अब मृतक के परिवार के लोगों को भी अपमानजनक मैसेज भेज रहे हैं।
अपमानित
रिश्तेदार व परिचितों में भी किया था जमकर अपमानित
पड़ोसी ने बताया कि जिस दिन बुजुर्ग के कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उसी दिन से रिश्तेदार और परिचितों ने उन्हें अपमानित करना शुरू कर दिया था।
एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें मैसेज भेजकर कहा था कि जिन लोगों के संक्रमण हुआ है उनकी मौत हो गई। ऐसे में वह खुद की मौत की भी कल्पना करें।
उसकी बेटी और पौती को भी स्कूल व कॉलेज में भेदभाव का सामना करना पड़ा।
दूरी
परिचितों ने बना ली थी दूरी
एक सोसायटी निवासी ने बताया कि मृतक और उसका परिवार करीब 20 साल से सोसायटी में रह रहा है। उनके सोसायटी के लोगों से बेहतर संबंध थे, लेकिन संक्रमण की पुष्टि होने के बाद लोगों ने उनसे दूरी बना ली।
हर कोई उन्हें हीन भावना से देखने लग गया था और मानता था की इन्होने ही ये वायरस फैलाया है।
जो उन्हें सालों से जानते थे, उन्होंने भी उनके घर जाना और बात करना बंद कर दिया था।
जांच
संक्रमण के बाद BMC ने की सोसायटी के लोगो की जांच
सोसायटी निवासी बुजुर्ग, उसकी पत्नी और बेटे के कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) अधिकारियों ने सोसायटी पहुंचकर 15 इमारतों के करीब 460 घरों के लोगों का परीक्षण कराया था, लेकिन जांच में किसी के भी संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई।
इसी तरह निजी अस्पताल में उनका उपचार करने वाले 8 डॉक्टरों सहित 74 कर्मचारियों को 14 दिन के लिए निगरानी में रखा गया था। उन सभी की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी।
जागरुकता कार्यक्रम
सोसायटी निवासी लोगों ने की जागरुकता कार्यक्रम चलाने की मांग
मृतक की सोसायटी में रहने वाले पड़ोसी ने बताया कि यह भेदभाव केवल मृतक और उसके परिजनों के साथ नहीं हुआ है। कोरोना को लेकर फैली अफवाह के कारण लोग एक-दूसरे को शक की निगाह से देख रहे हैं।
उन्होंने BMC अधिकारियों से सोसायटी में जागरुकता अभियान चलाने की मांग की है।
उप कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दक्ष संपत ने कहा कि भेदभाव बढ़ना गंभीर मामला है। जल्द ही इसका हल निकालने का प्रयास किया जाएगा।
हालत
दुनिया और भारत में ये है कोरोना वायरस की स्थिति
कोरोना वायरस धीरे-धीरे दुनिया के सभी देशों को अपने चपेट में लेता जा रहा है। दुनियाभर में अब तक इससे 7,989 लोगों की मौत हो चुकी है।
इसी तरह एक लाख 98 हजार 726 लोगों से इससे संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है।
वहीं भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 147 पहुंच गई है, जबकि तीन लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को मुंबई में हुई इस बुजुर्ग की मौत ही भारत की तीसरी मौत थी।