स्थगित नहीं की जा सकती सिविल सेवा परीक्षा- UPSC
सुप्रीम कोर्ट ने आगामी 4 अक्टूबर को आयोजित होने वाली सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित किए जाने की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। इस दौरान संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आगामी सिविल सेवा परीक्षा को कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण स्थगित नहीं किया जा सकता है। बता दें कि वर्तमान में देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 60 लाख से अधिक हो गई है।
याचिका में की कोरोना महामारी के थमने तक परीक्षा स्थगित करने की मांग
बार एंड बेंच के अनुसार जस्टिस एएम खानविल्कर, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की तीन जजो वाली बैंच ने UPSC द्वारा जारी संशोधित कैलेंडर को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव के माध्यम से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि देश में कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में महामारी का प्रकोप थमने के लिए परीक्षा को दो-तीन महीने के लिए स्थगित किया जाना चाहिए।
याचिका में दी संक्रमित होने या मौत होने के खतरे की दलील
याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा कि परीक्षा आयोजित करने का निर्णय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (जी) के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन है, जो जनता की सेवा के लिए उनके द्वारा चुने गए पेशे या व्यवसाय के अभ्यास का अवसर देता है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता संक्रमण की चपेट में आकर बीमार होने या फिर उसके कारण मौत के खतरे को देखते हुए 4 अक्टूबर को परीक्षा में उपस्थित नहीं हो सकता है।
परीक्षा से वंचित रहने वाले छात्रों को होगा सर्वाधिक नुकसान
याचिका में यह भी दलील दी गई कि यह एक भर्ती परीक्षा है। इससे शैक्षणिक सत्र में देरी या नुकसान का सवाल नहीं रहता है। इसमें कहा गया है कि अगर परीक्षा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जाती है तो वंचित छात्रों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। यह भी बताया कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने पहले ही महामारी के कारण अपनी राज्य लोक सेवा परीक्षाओं को रद्द या अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया है।
UPSC के अनुसार परीक्षा स्थगित करना असंभव
UPSC की ओर से सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित हुए अधिवक्ता नरेश कौशिक ने कहा कि परीक्षा स्थगित करना "असंभव" है। कौशिक ने कहा, "याचिकाकर्ताओं की दलील से सहमत होना असंभव है। पूर्व में यह परीक्षा 30 सितंबर को आयोजित की जानी थी, लेकिन बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण इसे 4 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। ऐसे में स्थगन सरकार के देशभर में यह परीक्षा आयोजित करने के उद्देश्य को खत्म कर देगा।"
कोर्ट ने UPSC को हलफनामा दाखिल करने के लिए दिया एक दिन का समय
शीर्ष अदालत ने UPSC से मंगलवार तक याचिका के जवाब में अपना हलफनामा दायर करने को कहा है ताकि 30 सितंबर को बार और बेंच को सूचित किए जाने के एक दिन बाद मामला फिर से उठाया जा सके।
भारत में यह है कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति
भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 60 लाख के आंकड़ों को पार कर गई है। पिछले 24 घंटे में 82,170 नए मामलों के साथ देश में कुल मामलों की संख्या 60,74,702 हो गई है। इसके अलावा पिछले 24 घंटे में 1,039 मौत के साथ कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या 95,542 हो गई है। सक्रिय मामलों की संख्या 9,62,640 है। अमेरिका के बाद भारत दूसरा ऐसा देश है जहां 60 लाख से अधिक संक्रमित पाए गए हैं।