महाराष्ट्र: साफ पानी से वंचित लोग, ट्रेन पकड़कर शहर से पानी लाने पर मजबूर बच्चे
महाराष्ट्र के कई इलाके पीने की पानी की भयंकर समस्या से जूझ रहे हैं। यहां पर लोगों को पीने का पानी लाने के लिए ट्रेन में सवार होकर कई किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है। महाराष्ट्र के मुकुंदवाड़ी गांव में यह रोजाना का दृश्य है। पिछले कुछ महीनों में देश के कई हिस्से बाढ़ में डूबे हुए थे, वहीं मुकुंदवाड़ी में सामान्य से 14 प्रतिशत कम बारिश हुई है और सूखे का सामना कर रहा है।
गांव से 14 किलोमीटर दूर शहर से लाना पड़ता है पानी
बारिश की कमी के कारण इलाके के जलस्त्रोत सूख गए हैं। ऐसे में गांव में रहने वाली नौ वर्षीय साक्षी गरुड़ और 10 वर्षीय सिद्धार्थ ढागे जैसे कई बच्चों को पानी के लिए 14 किलोमीटर दूर औरंगाबाद शहर में जाना पड़ता है। सिद्धार्थ ने बताया कि उन्हें पानी ढोना बिल्कुल पसंद नहीं है, लेकिन कोई दूसरा विकल्प नहीं है। वहीं साक्षी कहती हैं कि रोजाना स्कूल से आते ही पानी लेने जाना पड़ता है। उन्हें खेलने का समय नहीं मिलता।
पानी के टैंकरों पर निर्भर हैं लोग
साक्षी और सिद्धार्थ गरीब परिवारों से संबंध रखते हैं। उनके गांव में पाइपलाइन के जरिए पानी की आपूर्ति का कोई इंतजाम नहीं है। ऐसे में लोग पानी की आपूर्ति करने वाले टैंकरों पर निर्भर रहते हैं, जो 5,000 लीटर पानी के लिए 3,000 रुपये लेते हैं। गरीबी के कारण सिद्धार्थ और साक्षी के परिवार समेत सैंकड़ों ऐसे परिवार हैं जो यह पैसा नहीं चुका पाते और कई किलोमीटर दूर शहर से पानी लाने के लिए मजबूर हैं।
गरीबी और बेरोजगारी से परेशान लोग
सिद्धार्थ के पिता मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया, "मेरे पास राशन खरीदने के पैसे नहीं है। मैं टैंकर से पानी कैसे खरीद सकता हूं। आजकल तो रोजाना काम भी नहीं मिलता।"
भीड़ वाली ट्रेन में सवार होकर शहर जाते हैं बच्चे
समाचार एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे स्कूल से आते ही औरंगाबाद जाने वाली ट्रेन पकड़ते हैं। इस ट्रेन में अकसर भीड़ रहती है। ऐसे में इन बच्चों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सिद्धार्थ ने बताया, "कुछ लोग हमारी मदद करते हैं, लेकिन कई बार लोग रेलवे अधिकारियों से हमारी शिकायत कर देते हैं।" कई बार ट्रेेन में सवार कुछ लोग उनके पानी से भरे बर्तनों को लात मारकर गिरा देते हैं।
भारत में 16.5 करोड़ लोगों को नहीं मिलता पीने का पानी
पानी की किल्लत से केवल मुकुंदवाड़ी ही नहीं जूझ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 12 प्रतिशत यानी लगभग 16.5 करोड़ लोगों को उनके घर के पास पीने का पानी नहीं मिलता। यह साफ पानी से वंचित दुनिया का सबसे बड़ा हिस्सा है।