छत्तीसगढ़ के 6 जिलों में पीने लायक नहीं पानी, यूरेनियम का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंचा
क्या है खबर?
छत्तीसगढ़ के 6 जिलों में पानी पीने लायक नहीं बचा है। यहां परमाणु संयंत्रों में इस्तेमाल होने वाला यूरेनियम खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है।
छत्तीसगढ़ के दुर्ग, राजनांदगांव, कांकेर, बेमेतरा, बालोद और कवर्धा के नमूनों में यूरेनियम का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति लीटर से अधिक मिला है।
बालोद के एक गांव के नमूने में 130 माइक्रोग्राम प्रति लीटर और कांकेर के नमूने में 106 माइक्रोग्राम प्रति लीटर पाया गया। 6 जिलों में औसतन 86-105 माइक्रोग्राम प्रति लीटर यूरेनियम था।
जांच
25 साल पुराने बोलवेल से लिए गए थे नमूने
NDTV के मुताबिक, सबसे पहले परीक्षण के लिए नमूने बालोद के देवतराई गांव के 25 साल पुराने बोरवेल से लिए गए थे। इसमें चौंकाने वाले परिणाम आए तो दोबारा जांच की गई।
गांव के मुखिया दानेश्वर सिन्हा ने बताया कि गांव में पानी का कोई दूसरा स्रोत नहीं है, जब हमें यूरेनियम का पता चला तो दोबारा से जांच कराई गई।
उन्होंने बताया कि गांव में दूसरा बोरवेल खोला गया है, लेकिन पानी के स्रोत की पूरी जानकारी नहीं है।
तुलना
कितना खतरनाक है यूरेनियम का स्तर?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, पानी में 15 माइक्रोग्राम प्रति लीटर से ज्यादा यूरेनियम हानिकारक है, जबकि छत्तीसगढ़ में यूरेनियम का स्तर WHO की सीमा से 3 से 4 गुना अधिक है।
हालांकि, जून में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र ने अपने अध्ययन में सुझाव दिया था कि 60 माइक्रोग्राम प्रति लीटर भी सुरक्षित है।
इससे पेयजल वाले इलाकों में कैंसर और फेफड़ों संबंधी बीमारियों के साथ-साथ त्वचा और गुर्दे की बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है।