महाराष्ट्र: मुंबई में चार सालों में इमारतें गिरने से हुई कुल 99 लोगों की मौत- BMC
क्या है खबर?
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में इमारतें गिरने की कई घटनाएं सामने आ चुकी है। इसमें दर्जनों लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों घायल हुए हैं।
इसी बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने शनिवार को एक डाटा जारी करते हुए बताया है कि मुंबई में साल 2018 से 2021 के बीच बहुमंजिला इमारतों और घरों के गिरने की कुल 1,810 गंभीर और आंशिक घटनाएं हुई है। इनमें कुल 99 लोगों की मौत हुई है और 376 लोग घायल हुए हैं।
हालिया घटनाएं
मुंबई में चालू वर्ष में हुई इमारतें गिरने की 228 घटनाएं
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, BMC के आंकड़ों पर नजर डाले तों चार साल में कुल 1,810 घटनाओं में 99 लोगों की मौत हुई है।
इसी तरह चालू वर्ष में अब तक कुल 228 घटनाएं हो चुकी है और इनमें कुल 21 लोगों की जान गई है। इसी तरह 54 लोग घायल हुए हैं।
मुंबई में हर साल इमारतें गिरने की घटनाएं BMC और सरकार के लिए बड़ी चिंता का कारण रही है, लेकिन इसका समाधान नहीं हो पाया।
कारण
BMC ने यह बताया इमारतों के गिरने का कारण
BMC के अधिकारी और विशेषज्ञों के अनुसार, मुंबई में बड़ी संख्या में इमारतों और घरों के गिरने का प्रमुख कारण सालों पुराने निर्माण, जीर्ण-शीर्ण हालत, अनाधिकृत निर्माण और इमारतों के निर्माण में मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) का पालन नहीं होना है।
इनमें से अनाधिकृत भवनों का सत्यापन करना भी अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती है।
अधिकारियों के अनुसार मानसून में सबसे ज्यादा जीर्ण-शीर्ण और सालों पुरानी इमारतें अधिक गिरती हैं।
उदाहरण
अधिकारियों ने दिया मालवाणी में गिरी इमारत का उदाहरण
अधिकारियों ने अनुसार गत 10 जून को मालवाणी क्षेत्र में एक तीन मंजिला इमारत धराशाही हो गई थी। इसमें कुल 12 लोगों की मौत हुई थी।
अधिकारियों ने अनुसार जांच में इस इमारत की ऊपर की तीन मंजिले अवैध थी। मालिक को BMC से केवल एक मंजिला इमारत के निर्माण की मंजूरी दी गई थी।
ऐसे में उसका निर्माण SOP के अनुसार नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि मुंबई में इमारतों के गिरने का सबसे बड़ा कारण अवैध निर्माण है।
जानकारी
BMC ने जारी कर रखी है 407 जीर्ण-शीर्ण इमारतों की सूची
BMC अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने मानसून की शुरुआत से पहले ही मुंबई में सर्वे कराकर 407 इमारतों को जीर्ण-शीर्ण श्रेणी में शामिल किया था। इनमें से 322 इमारतें निजी आवासीय है। इन इमारतों में रहने वालों को चेतावनी नोटिस भी दिए गए हैं।
बयान
पुराना निर्माण होने के कारण होते हैं हादसे- नागलकर
मुंबई के प्रमुख वास्तुकार विलासा नागलकर ने कहा कि अधिकतर मामलों में इमारतों का एक हिस्सा जैसे गैलरी, सीढी या बालकनी गिरती हैं। इसका प्रमुख कारण उनका सालों पहले निर्माण होना है।
उन्होंने कहा कि आवासीय निर्माण की अनुमानित जीवन अवधि 60 साल होती है। मुंबई में कई इमारतें तो 120 साल से पुरानी हो चुकी है। इसी तरह इनके किराए पर संचालित होने के कारण इनकी नियमित देखरेख भी नहीं हो पाती है। इससे हादसे होते हैं।
सुझाव
मुंबई में जीर्ण-शीर्ण इमारतों का क्षेत्रवार किया जाना चाहिए अध्ययन- इंदौरवाला
कमला रहेजा आर्किटेक्चर इंस्टीट्यूट के सहायक प्रोफेसर हुसैन इंदौरवाला ने कहा, "मुंबई में इमारतों को गिरने से बचाने का उपाय करना बेहद मुश्किल नहीं है।इसके लिए अधिकारियों को सबसे पहले जीर्ण-शीर्ण या गिरने वाली इमारतों को क्षेत्रवार सर्वे कर चिन्हित करना होगा।"
उन्होंने आगे कहा, "सर्वे के बाद फिर यह निर्धारित करना होगा कि क्या इमारत अवैध है या फिर स्वीकृति से अधिक निर्माण किया है। इसके बाद उसका समय रहते समाधान निकालना होगा।"