
बिहार: रघुनाथपुर रेल दुर्घटना में हुआ बड़ा खुलासा, पटरी की खामी के चलते हुआ था हादसा
क्या है खबर?
बिहार के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन पर अक्टूबर 2023 में नॉर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना की अंतिम जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है।
यह रेल दुर्घटना पटरी की खामी का समय पर पता न लगाने से हुआ था।
तत्कालीन रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) सुवोमॉय मित्रा ने रिपोर्ट में पटरियों के निर्माण में शामिल प्रक्रियाओं की निगरानी पर जोर दिया है।
बता दें, इस हादसे में 4 लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई अन्य घायल हुए थे।
प्रतिक्रिया
रिपोर्ट पर रेलवे ने क्या दी प्रतिक्रिया?
रिपोर्ट के जवाब में भारतीय रेलवे ने कहा कि इस्पात निर्माण और रेल रोलिंग की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए रेलवे एवं स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) भिलाई के रेल विनिर्माण संयंत्र द्वारा निरंतर सुधार और अपग्रेड किया जा रहा है।
इसमें यह भी कहा गया है कि पटरी और वेल्ड की अल्ट्रासोनिक दोष जांच (USFD) परीक्षण की निगरानी के लिए ट्रैक प्रबंधन प्रणाली (TMS) में विभिन्न मॉड्यूल क्रियान्वित किए जा रहे हैं।
उपाय
टूटी हुई पटरियों का पता लगाने वाली प्रणालियों का चल रहा परीक्षण
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में टूटी हुई पटरियों का पता लगाने वाली प्रणालियों के लिए तीन तकनीकों का परीक्षण चल रहा है।
इनमें कंटीन्यूअस ब्रोकन रेल डिटेक्शन सिस्टम (NGRT), एकॉस्टिक डोमेन टेक्नोलॉजी रेल एकॉस्टिक और वाइब्रेशन एनर्जी-बेस्ड ब्रोकन रेल डिटेक्शन सिस्टम शामिल हैं।
इसी तरह पटरियों में दरारों की पहचान के लिए फेज्ड ऐरे अल्ट्रासोनिक सिंगल रेल टेस्टर नामक नई तकनीक इजाद की गई है।
सिफारिश
रोलिंग स्टॉक के रखरखाव के लिए सिफारिशें
CRS ने सलाह दी कि सभी चलती ट्रेनों के इंजनों और कोचों की बारीकी से जांच की जानी चाहिए और दोषपूर्ण रोलिंग स्टॉक की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
इसी तरह डाटा तक आसान पहुंच के लिए कोचों और इंजन के रखरखाव रिकॉर्ड को कम्प्यूटरीकृत किया जाना चाहिए।
CRS ने दुर्घटना के दौरान या उससे ठीक पहले चालक दल की बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए सभी रेलवे इंजन में कैब वॉयस रिकॉर्डर लगाने की भी सिफारिश की है।
जवाब
रेलवे ने सिफारिशों पर क्या दिया जवाब?
इन सुझावों के जवाब में रेलवे ने कहा कि उसके पास पहले से ही सभी कोचों की नियमित जांच करने की प्रक्रिया है।
इसमें यह भी उल्लेख किया गया कि क्रू वॉयस एवं वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम (CVVRS) 479 इंजनों में लगाए गए हैं और इसे सभी इंजनों में लागू किया जा रहा है।
इसी तरह सभी दुर्घटना स्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के लिए औपचारिक प्रशिक्षण या दिशा-निर्देशों भी पहले ही दिए जा चुके हैं।