BHU: संस्कारी बच्चे पैदा करने के लिए गर्भवती महिलाओं को दी जा रही 'गर्भ संस्कार थैरेपी'
क्या है खबर?
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) और सर सुंदर लाल अस्पताल की आयुर्वेद फैकल्टी ने अजन्मे बच्चों में अच्छे संस्कार और मूल्य पैदा करने के लिए गर्भवर्ती महिलाओं के लिए गर्भ संस्कार थैरेपी शुरू की है।
विभाग का कहना है कि इस संस्कार को करने से दिव्य आत्मा और उच्च IQ वाले सुसंस्कृत, मजबूत, गुणी, स्वस्थ और सुंदर बच्चे पैदा होंगे। उसने कहा कि आयुर्वेद में ये संस्कार बहुत पुराना है और वैज्ञानिक सबूतों के अभाव में इसे महत्व नहीं मिला।
मामला
सितंबर में ही शुरू हो गया था गर्भ संस्कार थैरेपी का संचालन
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस गर्भ संस्कार को आयुर्वेद के एक प्रोफेसर ने डिजाइन किया है और इसका संचालन आयुर्वेद संकाय का प्रसुति तंत्र विभाग कर रहा है। सितंबर में इसका संचालन शुरू किया जा चुका है।
सुंदर लाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर एसके माथुर ने इन पर कहा, "गर्भ संस्कार कोई नई चीज नहीं है। आयुर्वेद में काफी समय से इसे किया जा रहा है। वैज्ञानिक प्रमाण के अभाव में इसे अहमियत नहीं मिली थी।"
बयान
माथुर बोले- गर्भ संस्कार को वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित करने की कोशिश कर रहे
प्रोफेसर माथुर ने कहा, "ये एक प्रमाणित तथ्य है कि अच्छे वातावरण और अच्छे संगीत का दिमाग पर बहुत सकारात्मक असर होता है। गर्भ संस्कार में गर्भवती महिलाओं को अच्छा संगीत सुनने, अच्छा साहित्य पढ़ने और प्रेरक और सकारात्मक सीरियल्स देखने की सलाह दी जाएगी। वैज्ञानिक तकनीकों के जरिए इन चीजों के बच्चे पर असर की समीक्षा की जाएगी।"
उन्होंने कहा, "हम गर्भ संस्कार की प्रक्रिया को वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित करने की कोशिश कर रहे हैं।"
संचालन
रोजाना चार से पांच महिलाओं को दी जा रही गर्भ संस्कार थैरेपी
प्रसुति तंत्र विभाग की प्रमुख डॉ सुनीता सुमन ने बताया कि विभाग में रोजाना चार से पांच महिलाओं को गर्भ संस्कार के बारे में बताया जाता है और उन्हें गर्भ संस्कार थैरेपी दी जाती है।
वहीं प्रसुति विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ अनुराधा रॉय ने कहा, "आयुर्वेद में 16 संस्कार हैं और इनमें से एक गर्भ संस्कार है। कई पौराणिक कथाएं गर्भ संस्कार के महत्व को दर्शाती हैं जो मां के गर्भ में बच्चे को शिक्षित करता है।"
उदाहरण
अभिमन्यु ने गर्भ में ही सीखा था चक्रव्यूह के छह चक्रों को तोड़ना- डॉ रॉय
उदाहरण देते हुए डॉ रॉय ने बताया कि महाभारत में अभिमन्यु ने चक्रव्यूह के छह चक्रों को तोड़ना मां के गर्भ में ही सीखा था।
उन्होंने कहा, "गर्भ संस्कार दिव्य आत्मा और उच्च IQ वाले सुसंस्कृत, मजबूत, गुणी, स्वस्थ और सुंदर बच्चे पैदा करने में मदद करता है।" उन्होंने कहा कि ये वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है कि बाहरी तत्वों और मां के हार्मोन्स का गर्भ में पल रहे भ्रूण पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
बयान
गर्भ संस्कार में शामिल होती हैं संगीत से लेकर खानपान तक ये चीजें
डॉ रॉय ने कहा कि गर्भ संस्कार में गर्भवती के महीने के हिसाब से मासिक प्रसव-पूर्व देखभाल, खानपान, संगीत थैरेपी, योगासन, मंत्र उच्चारण, विशेष कपड़े और काउंसलिंग आदि की योजनाएं शामिल होती हैं।
बता दें कि गर्भ संस्कार के ऑनलाइन कोर्स को डॉ रॉय ने ही विकसित किया है और ये BHU के पोर्टल पर उपलब्ध है।
उन्होंने कहा, 'गर्भ में पल रहा बच्चा ऐसी मिट्टी की तरह होता है जिसे किसी भी सांचे में ढाला जा सकता है।"