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शिरडी मंदिर: डेढ़ करोड़ रुपये के सिक्के रखने के लिए बैंको में जगह नहीं, प्रशासन परेशान

शिरडी मंदिर: डेढ़ करोड़ रुपये के सिक्के रखने के लिए बैंको में जगह नहीं, प्रशासन परेशान

Jun 18, 2019
06:40 pm

क्या है खबर?

महाराष्ट्र के शिरडी में स्थित साईं मंदिर की गिनती दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में की जाती है। मंदिर का संचालन श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट (SSST) द्वारा किया जाता है। ज़्यादातर मंदिरों में दान के रूप में सिक्के ही मिलते हैं, ठीक ऐसा ही शिरडी साईं मंदिर में भी होता है। इन दिनों दान में मिलने वाले सिक्कों से मंदिर ट्रस्ट परेशान हो गया है, क्योंकि बैंकों ने उन सिक्कों को लेने से इनकार कर दिया है। जानें पूरा मामला।

परेशानी

दानपत्र के सिक्कों को लेने से बैंकों ने किया इनकार

दरअसल, साईं मंदिर के दानपत्र में रखे सिक्कों को लेने से बैंकों ने बीते शुक्रवार को मना कर दिया। राष्ट्रीयकृत बैंकों ने सिक्के रखने की जगह नहीं होने का हवाला देते हुए लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के सिक्कों को लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद से मंदिर ट्रस्ट प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इससे ट्रस्ट के कामकाज पर असर पड़ने की भी उम्मीद है। इसकी जानकारी SSST के CEO दीपक मुगलीकर ने दी है।

जानकारी

बैंकों के पास नहीं है सिक्कों को रखने की जगह

मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर में दान में मिलने वाले सिक्कों की संख्या इतनी ज़्यादा हो गई है कि अब बैंकों ने यह कहकर उन्हें लेने से इनकार कर दिया है कि उनके पास सिक्कों को रखने की जगह नहीं है।

गिनती

बैंक अधिकारियों की मौजूदगी में होती है गिनती

मुगलीकर ने कहा कि मंदिर के दानपत्र में जमा नकदी की गिनती सप्ताह में दो बार बैंक अधिकारियों की मौजूदगी में होती है। इस दौरान हर बार दानपत्र में लगभग दो करोड़ रुपये निकलते हैं। उनमें से सात लाख रुपये के सिक्के होते हैं। दो बार में यह पैसा लगभग 14 लाख रुपये हो जाता है। जिसे बैंकों से अब लेने से इनकार कर दिया है। हालाँकि, बैंकों ने इस तरह के किसी भी मुद्दे से इनकार किया है।

अपील

रिज़र्व बैंक से अपील करेगा मंदिर ट्रस्ट

मुगलीकर ने आगे बताया, शिरडी में साईं मंदिर ट्रस्ट के आठ बैंकों में अलग-अलग खाते हैं। सभी बैंकों ने सिक्के रखने के लिए जगह की कमी का कारण बताया है। उन्होंने कहा, "हम जगह देने को तैयार हैं, जब तक उनके पास सिक्के रखने की जगह नहीं है।" बैंकों के इनकार के बाद मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि वो इस संबंध में रिज़र्व बैंक से अपील करेगा कि इस मुद्दे का समाधान निकाला जाए।