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    असम में बाढ़ से अब तक 66 लोगों की मौत, 36 लाख से अधिक प्रभावित

    असम में बाढ़ से अब तक 66 लोगों की मौत, 36 लाख से अधिक प्रभावित

    लेखन भारत शर्मा
    Jul 16, 2020
    02:00 pm

    क्या है खबर?

    कोरोना वायरस महामारी के बीच देश के पूर्वोत्तर राज्य असम को प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ रहा है।

    राज्य पिछले कई दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण बाढ़ की चपेट में आ गया है। इससे हजारों मकान धराशाही हो गए हैं।

    हादसों में बुधवार को सात लोगों की मौत हो गई। इससे मौत का आंकड़ा बढ़कर 66 पर पहुंच गया है। इसी तरह बाढ़ के कारण 26 जिलों के करीब 36 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

    बाढ़

    आमतौर पर आती है मई और अगस्त के बीच बाढ़

    पूर्वोत्तर राज्य में मई और अगस्त के महीनों के बीच बाढ़ आना आम बात है। राज्य के कार्बी आंग्लॉन्ग और दीमा हसाओ के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर लगभग सभी क्षेत्रों के लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ता है।

    बाढ़ के कारण प्रतिवर्ष करीब 200 लोगों की मौत हो जाती है। हालांकि, इस साल बाढ़ गत वर्ष तुलना में ज्यादा खतरनाक है।

    बचावकर्मियों को राहत कार्य में कोरोना वायरस के सुरक्षा नियमों का भी पालन करना पड़ रहा है।

    नदियां

    खतरे के निशान से ऊपर बह रही है कई नदियां

    असम में बाढ़ के हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में ब्रह्मपुत्र, धनसिरी, जिया भराली, कोपिली, बेकी और कुशियारा नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से भी ऊपर बह रही हैं।

    वर्तमान स्थिति पर असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के राज्य परियोजना समन्वयक पंकज चक्रवर्ती ने बताया कि बाढ़ की स्थिति चरम पर है। यदि अब तेज बारिश नहीं हो तो आने वाले दिनों में सुधार की उम्मीद है।

    हालात

    3,300 से अधिक गांव हुए जलमग्न

    बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला धुबरी है। वहां 5.51 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

    इसी तरह बारपेटा जिले में 5.29, गोलपारा में 4.27 लाख, मोरीगांव 4.20 लाख, दक्षिण सलमारा 2.25 लाख, दारंग 1.81 लाख, कामरूप 1.44 लाख, नलबाड़ी 1.27 लाख और गोलाघाट जिले में 1.50 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य में बाढ़ से कुल 3,376 गांव प्रभावित हुए हैं। इनमें अब तक कुल 1.28 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है और फसल खराब हो गई है।

    बचाव कार्य

    बुधवार को 4,000 से अधिक लोगों को बचाया गया

    पिछले 24 घंटों में, NDRF, SDRF, जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों द्वारा बाढ़ में फंसे 3,991 लोगों को बचाया गया था।

    मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी जोरहाट जिले के टेक रजबारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में संचालित एक राहत शिविर का दौरा किया और प्रभावित लोगों से बात की।

    उन्होंने कहा, "हमारी सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है।"

    जानवर

    काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान हुआ जलमग्न, 60 से अधिक जानवरों की मौत

    बाढ़ वन्यजीवों के लिए भी विनाशकारी साबित हुई। वन अधिकारियों के अनुसार बाढ़ के कारण अब तक करीब 66 जानवरों की मौत हो चुकी है। इसी तरह 117 जानवरों को बचाया गया है।

    प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का कम से कम 95% हिस्सा जलमग्न हो गया है। मानस और आरजी ओरंग नेशनल पार्क, पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य और तिनसुकिया वन्यजीव प्रभाग भी प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा 22 लाख पालतू मवेशी प्रभावित हुए हैं।

    बिहार

    बिहार के कुछ गांवों में बाढ़ के कारण नुकसान हुआ

    असम की तरह, बिहार के कुछ हिस्से भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार दरभंगा जिले में कमला नदी से सटे गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं।

    एक पंचायत अधिकारी ने कहा कि बाढ़ के कारण 55,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 100 से अधिक घर डूब गए।

    एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि बाढ़ का पानी 3-4 फीट बढ़ गया, जिससे गांव का प्रवेश और निकास मार्ग अवरुद्ध हो गया।

    जानकारी

    सरकार पर ग्रामीणों को उनके हाल पर छोड़ने का आरोप

    स्थानीय लोगों ने कहा, "सरकार ने हमारी मदद करने के लिए कुछ भी नहीं भेजा है। हम पास के बांधों पर शरण ले रहे हैं। अब यह सब करने के लिए कमला मइया से प्रार्थना की जा रही है कि वो पानी को सोख लें।"

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