दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तबीयत खराब, कल होगा कोरोना वायरस टेस्ट
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तबीयत खराब है और कल उनका कोरोना वायरस का टेस्ट किया जाएगा। न्यूजबाइट्स से बात करते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) से संबंधित सूत्र ने केजरीवाल की तबीयत थोड़ी खराब होने की पुष्टि की है और जल्द ही उनके स्वस्थ्य होने की उम्मीद जताई है। केजरीवाल को हल्के बुखार और गले में खराश की शिकायत बताई जा रही है। उन्होंने खुद को सेल्फ-आइसोलेट कर लिया है और कल से कोई बैठक नहीं की है।
अभी तक तबीयत खराब होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं
केजरीवाल की तबीयत खराब होने की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। आम आदमी पार्टी (AAP) के मीडिया पैनलिस्ट अक्षय मराठे ने ट्वीट कर केजरीवाल के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की है। उन्होंने लिखा है, 'सर, कृपया अपना ध्यान रखिए। हम आशा करते हैं कि आप (अरविंद केजरीवाल) जल्दी ठीक होंगे।' इस ट्वीट को केजरीवाल की तबीयत ठीक नहीं होने का संकेत माना जा रहा है और आधिकारिक पुष्टि का इंतजार जारी है।
आगे रहकर कोरोना वायरस की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं केजरीवाल
गौरतलब है कि केजरीवाल खुद आगे रहकर कोरोना वायरस के खिलाफ दिल्ली की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं। शहर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए उनका स्वस्थ्य बने रहना दिल्ली के मनोबल के लिए जरूरी है।
दिल्ली में चिंताजनक है स्थिति
दिल्ली में पिछले कई दिनों से 1,000 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं और 28,000 से अधिक लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है। इनमें से 812 लोगों की मौत हुई है और हालिया दिनों में मौतों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। रविवार को शहर में 1,282 नए मामले सामने आए और 51 लोगों की मौत हुई। जानकारों का कहना है कि शहर के कुछ इलाकों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
जून के अंत के दिल्ली में हो सकते हैं एक लाख मामले
दिल्ली सरकार द्वारा गठित एक पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने अनुमान लगाया है कि अगर दिल्ली में मामले बढ़ने की यही रफ्तार रही तो जून के अंत तक शहर में एक लाख से अधिक मामले हो सकते हैं। अभी दिल्ली में लगभग 15 दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं। समिति के अनुसार, कोरोना वायरस के कारण जून के अंत तक दिल्ली को 15,000 बेडों की जरूरत पड़ेगी, वहीं मध्य जुलाई तक 42,000 बेडों की जरूरत होगी।
दिल्ली के अस्पताल केवल दिल्लीवालों के लिए आरक्षित
भविष्य के इन चिंताजनक आंकड़ों को मद्देनजर रखते हुए ही दिल्ली सरकार ने अपने अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी अस्पतालों और विशेष सर्जरी करने वाले निजी अस्पतालों को छोड़कर अन्य सभी निजी अस्पतालों को दिल्ली के लोगों के लिए आरक्षित कर दिया है। इन अस्पतालों में अब केवल दिल्लीवालों का इलाज होगा। दिल्ली स्थिति केंद्र सरकार के अस्पतालों में बाहरी लोगों का इलाज जारी रहेगी। दिल्ली सरकार का ये फैसला विवादों के घेरे में भी है।
दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बढ़ रहा दबाव
तेजी से बढ़ते मामलों के कारण दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बढ़ा है और हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संबंधियों ने अस्पतालों में बेड खाली न होने की शिकायत की है। दिल्ली सरकार के 'दिल्ली कोरोना' ऐप पर बेड दिखाए जाने के बावजूद मरीजों को अस्पतालों में खाली बेड न मिलने की खबरें आई हैं और इसके कारण कुछ मरीजों को जान भी गंवानी पड़ी है।