2014 से घटिया गोला-बारूद के कारण 960 करोड़ रुपये का नुकसान, 27 जवानों की मौत- सेना
क्या है खबर?
भारतीय सेना की एक आधिकारिक रिपोर्ट में सामने आया है कि ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों द्वारा बनाए जाने वाले घटिया गोला-बारूद की वजह से 2014 से अब तक लगभग 960 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
यही नहीं इस घटिया सामान के कारण हुई दुर्घटनाओं में 27 जवानों और लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
इन्हीं कारणों से सेना से उसके लिए गोला-बारूद और अन्य सामान बनाने वाले ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) के निगमीकरण की सिफारिश की है।
पृष्ठभूमि
क्या है OFB?
रक्षा मंत्रालय के तहत कार्य करने वाले OFB की स्थापना 1979 में हुई थी और इसके अंतर्गत 41 फैक्ट्रियां हैं जिनमें लगभग 80,000 कर्मचारी काम करते हैं। इन फैक्ट्रियों में भारतीय सेना के लिए गोला-बारूद से लेकर वर्दी और जूते बनाने तक का कार्य होता है।
हालांकि हालिया कुछ वर्षों में इसकी सामान की गुणवत्ता में कमी आई है और अभी ताजा रिपोर्ट में भारतीय सेना ने इसी की समीक्षा की है।
रिपोर्ट
इन कारणों से हुआ 960 करोड़ रुपये का नुकसान
जुलाई तक अपडेट की गई अपनी इस ताजा रिपोर्ट में भारतीय सेना ने बताया है कि OFB के घटिया सामान के कारण जो 960 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, उसमें से 658.58 करोड़ रुपये का नुकसान अप्रैल, 2014 से अप्रैल, 2019 के बीच समय से पहले खराब हुए गोला-बारूदों के कारण हुआ।
वहीं बारूंदी सुरंगों के समय से पहले खराब हो जाने के कारण मई, 2016 के बाद से 303.23 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
दुर्घटनाएं
घटिया सामान की वजह से हर हफ्ते औसतन एक दुर्घटना- रिपोर्ट
रिपोर्ट में सेना ने कहा है, "जबावदेही की कमी और उत्पादन की खराब गुणवत्ता के कारण लगातार दुर्घटनाएं होती हैं। इसके परिणामस्वरूप जवान घायल होते हैं और उनकी मौत होती है। औसतन हर हफ्ते एक दुर्घटना होती है।"
रिपोर्ट के अनुसार, OFB द्वारा बनाए गए गोला-बारूद की वजह से हुई दुर्घटनाओं में 2014 के बाद से 27 जवानों और नागरिकों की मौत हो चुकी है, वहीं 159 लोग घायल हुए हैं।
डाटा
2014 से 2019 के बीच हुईं 403 दुर्घटनाएं
रिपोर्ट के अनुसार, 2014 से 2019 के बीच ऐसी 403 दुर्घटनाएं हुईं। इनमें से सबसे अधिक 267 दुर्घटनाएं इंफैंट्री से संबंधित रहीं, वहीं 87 दुर्घटनाएं तोपखाने से संबंधित रहीं। बख्तरबंद कोर में 44 और एयर डिफेंस में 15 दुर्घटनाएं हुईं।
समस्या और सिफारिश
खराब गुणवत्ता के कारण OFB का सामान नहीं खरीद रहे मित्र देश
सेना ने अपनी रिपोर्ट में कुछ मित्र देशों के घटिया गुणवत्ता के कारण OFB के गोला-बारूद और अन्य रक्षा उपकरण खरीदने से इनकार करने की बात भी कही है।
इन्हीं सभी समस्याओं को देखते हुए सेना ने OFB के निगमीकरण की सिफारिश की है ताकि इसकी गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।
उसकी ये सिफारिश OFB की 41 ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों, 13 विकास केंद्रों और नौ इंस्टीट्यूट्स ऑफ लर्निंग के निगमीकरण की योजना से मेल खाती है।
प्रक्रिया
OFB के निगमीकरण के लिए किया गया है उच्च स्तरीय समूह का गठन
बता दें कि सरकार ने OFB के निगमीकरण के प्रक्रिया की देखरेख और मार्गदर्शन के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (EGoM) का गठन किया है।
11 सितंबर को बनाई गई ये EGoM इस बात पर भी विचार करेगी कि OFB को एक या अनेक सरकारी निगमों में बांटा जाए।
हालांकि कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इन कदमों का विरोध किया है और 12 अक्टूबर से देशव्यापी हड़ताल की धमकी दी है।