कुत्ते को बचाने आग में कूद गया सेना का मेजर, झुलसने से मौत
आतंकियों से देश की हिफाजत के लिए जान देने को तैयार रहने वाले सेना के जवान जानवरों की जान बचाने के लिए भी जिंदगी को दाव पर लगाने से नहीं चूकते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के गुजमर्ग में, जहां सेना के एक मेजर ने अपने घर की झोंपड़ी में लगी आग में फंसी अपनी पत्नी को बचाने के बाद पालतू कुत्ते को बचाने का प्रयास किया, लेकिन उन दोनों की मौत हो गई।
पत्नी और एक कुत्ते को बचाने में हुए कामयाब
सेना के प्रवक्ता राजेश कालिया ने बताया कि SSTC गुलमर्ग से जुड़े कॉर्प्स सिग्नल के मेजर अंकित बुद्धराज के घर में स्थित एक झोंपड़ी में रात को अचानक आग लग गई थी। उनकी पत्नी और दो पालतू कुत्ते आग में फंस गए। यह देख अंकित बिना किसी संकोच के आग में कूद गए। उन्होंने पहले प्रयास में अपनी पत्नी और एक कुत्ते को बचाकर बाहर निकाल लिया, लेकिन दूसरे कुत्ते को बचाने के दौरान उनकी मौत हो गई।
श्रीनगर जाने की तैयारी में थे मेजर
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि मध्य प्रदेश के झांसी निवासी मेजर बुद्धराज (33) का श्रीनगर तबादला कर दिया था। उन्होंने वहां कार्यग्रहण करने के लिए अपना सामान भी पैक कर लिया था, लेकिन वहां जाने से पहले ही उनकी हादसे में मौत हो गई।
90 प्रतिशत तक जल गए थे मेजर
गुलमर्ग थानाप्रभारी आफताब अहमद ने बताया कि मेजर जब दूसरे पालतू कुत्ते को बचाने के लिए झोंपड़ी में घुसे तो आग ने पूरी झोंपड़ी को अपने आगोश में ले लिया था। इससे वह झोंपड़ी से बाहर नहीं निकल सके। आग बुझने के बाद जब झोंपड़ी में देखा तो मेजर और दूसरा कुत्ता 90 प्रतिशत तक जल चुके थे। पुलिस ने मेजर के शव के तांगमार के उप जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है।
सवा घंटे तक आग की लपटों में झुलसते रहे मेजर
सेना प्रवक्ता ने बताया कि रात करीब 02:45 बजे झोंपड़ी में आग की सूचना मिली थी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही मेजर सहायता के लिए अन्य सैनिकों के आने का इंतजार किए बिना ही आग की लपटों से घिरी झोंपड़ी में कूद गए। पत्नी व एक पालतू कुत्ते को बचाने के बाद वह करीब सवा घंटे तक आग की लपटों में झुलसते रहे। करीब 4 बजे आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
आग लगने के कारणों का पता लगाने में जुटी सेना
प्रारम्भिक जांच के अनुसार झोंपड़ी में आग शॉर्ट सर्किट या फिर सर्दी से बचने के लिए आग जलाने के लिए मिट्टी के तेल का काम में लेने के दौरान लगी होगी। हालांकि, अभी निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। FSL की टीम ने घटना स्थल से आवश्यक साक्ष्य जुटाए हैं। उनकी जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। मेजर की मौत से पूरी यूनिट में शोक की लहर है।
कई पालतू कुत्ते भी बचा चुके हैं मालिकों की जान
इससे पहले कई बार पालतू कुत्तों द्वारा अपने मालिक को बचाने के लिए खूंखार जानवरों से भिड़ने की खबरें सामने आती रही है, लेकिन गुलमर्ग में पालतू कुत्ते को बचाने के लिए मेजर के जान देने का यह अनूठा मामला है। जून 2017 में मध्य प्रदेश के सिवनी में एक पालतू कुत्ता अपने मालिक को बचाने के लिए एक बाघ से भीड़ गया था, जिसमे उसकी मौत हो गई थी।