झारखंड: एक और मॉब लिंचिंग, गोमांस बेचने के शक में आदिवासी को पीट-पीट कर मार डाला
झारखंड में मॉब लिंचिंग का एक और मामला सामने आया है। रविवार को राज्य की राजधानी रांची से मात्र 34 किलोमीटर दूर खूंटी जिले के एक गांव में लोगों ने एक व्यक्ति को गोमांस बेचने के शक में पीट-पीट कर मार दिया। ग्रामीणों ने अन्य दो लोगों को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया और पुलिस ने मौके पर पहुंच कर उनकी जान बचाई। मृतक को आदिवासी बताया जा रहा है जो ईसाई धर्म को मानता था।
सुबह 10 बजे हुई घटना
घटना सुबह 10 बजे के आसपास कर्रा थाना क्षेत्र के सुवारी गांव मे एक नाले के पास हुई। वहां ग्रामीणों ने गोमांस बेचने के शक में तीन लोगों को पकड़ लिया और उन्हें पीटने लगे। इस बीच किसी ने घटना के बारे में कर्रा थाने को सूचित किया और पुलिस ने मौके पर पहुंची तीनों को भीड़ से छुड़ाया। पुलिस घायलों को कर्रा अस्पताल ले गई जहां से डॉक्टरों ने उन्हें रांची के RIMS अस्पताल रेफर कर दिया।
विकलांग थे घटना में मारे गए केलेम बारला
इस दौरान घायलों में शामिल केलेम बारला की रास्ते में ही मौत हो गई। 34 वर्षीय बारला खूंटी जिले के लापुंग थाना क्षेत्र के गोपालपुर गांव के रहने वाले थे और सुवारी में अपनी बहन के पास आए थे। बताया जा रहा है कि वह विकलांग थे। वहीं अन्य दो घायल कर्रा के ही रहने वाले थे। झारखंड पुलिस के ADG मुरारी लाल मीणा ने गोमांस बेचने के शक में पिटाई और बारला की मौत की पुष्टि की है।
आरोपियों में बजरंग दल के कार्यकर्ता शामिल
पुलिस ने मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया है और इनमें से कुछ बजरंग दल के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और उनके बयान के आधार पर अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस छापे मार रही है। इस बीच आरोपियों को हिरासत से छुड़ाने के लिए लगभग 150 लोगों ने कर्रा थाने को घेर लिया, जिसके बाद कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने लोगों को समझा कर वापस भेज दिया।
ग्रामीणों ने कही गोमांस बेचने की बात, घायल ने किया इनकार
ग्रामीणों ने पुलिस से कहा कि पीड़ित गोमांस बेच रहे थे और उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। वहीं घटना में घायल फागु कच्छप ने गोमांस बेचने के आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने मीडिया को बताया, "वह अपने जानवर बांधने जा रहे थे, तभी लोगों ने उन्हें पकड़ लिया और पीटने लगे। अन्य दोनों पीड़ित भी सुवारी नाले में नहाने गए थे, न कि मांस बेचने या खरीदने।"
जून में हुई थी तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग
बता दें कि इससे पहले झारखंड के ही सरायकेला खरसावां में भीड़ ने तबरेज अंसारी को मोटरसाइकिल चोरी करने के शक में खंभे से बांधकर पीटा था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। भीड़ ने उससे 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे भी लगवाए थे। मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में रहा था और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में इस घटना पर दुख जताया था। गौरतलब है कि पुलिस ने आरोपियों पर हत्या की धारा नहीं लगाई है।
मॉब लिंचिंग के खिलाफ अभियान चला रही है झारखंड पुलिस
झारखंड में अफवाह फैलने के बाद भीड़ की हिंसा की खबरें अक्सर आती रहती हैं और ऐसी घटनाओं में कमी लाने के लिए पुलिस जागरूकता अभियान भी चला रही है। जहां से घटना हुई, उस खूंटी जिले में भी ये अभियान चलाया जा रहा था।