उत्तर प्रदेश: मरीज को ऑक्सीजन देने वाले ड्राइवर के खिलाफ "सरकार को बदनाम" करने का केस
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में प्रशासन के मरीज को ऑक्सीजन प्रदान करने वाले एक एंबुलेंस ड्राइवर के खिलाफ ही केस दर्ज करने का मामला सामने आया है।
प्रशासन ने उस पर राज्य सरकार और सरकारी अस्पताल के खिलाफ झूठे और अपमानजक बयान देने के लिए केस दर्ज किया है। प्रशासन का कहना है कि ड्राइवर ने झूठ कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं है और मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया।
मामला
ड्राइवर ने एंबुलेंस से निकाल कर मरीज को दी ऑक्सीजन
एंबुलेंस के ड्राइवर विक्की अग्निहोत्री के अनुसार, गुरूवार को वह निजी अस्पताल में भर्ती एक मरीज की तबीयत खराब होने पर सरकारी अस्पताल लेकर आए थे।
उन्होंने कहा, "चूंकि यह एक आपातकालीन स्थिति थी, इसलिए मरीज को अस्पताल के एक कोने में लिटाने के बाद मैंने अपनी एंबुलेंस से ऑक्सीजन सिलेंडर निकाला और मरीज को ऑक्सीजन दी। ऐसा होता देख मरीजों के भर्ती होने का इंतजार कर रहे लोगों ने मुझसे ऑक्सीजन का इंतजाम करने को कहा।"
दावा
वरिष्ठ अधिकारी के आने के बाद अस्पताल में भर्ती किए गए मरीज- विक्की
विक्की ने कहा कि उन्होंने बाकी मरीजों के लिए दो और सिलेंडरों का इंतजाम किया, वहीं उनका एक दोस्त भी मरीजों की मदद करने के लिए सिलेंडर ले आया। उन्होंने कहा कि दोपहर 3:30 बजे एक वरिष्ठ अधिकारी अस्पताल आया जिसके बाद सभी मरीजों को भर्ती कर लिया गया।
अपने खिलाफ आरोपों पर उन्होंने कहा, "दोपहर में अस्पताल का एक कर्मचारी मेरे पास आया और सिलेंडर मांगा। जब मैंने मना किया तो उन्होंने मेरे ऊपर केस कर दिया।"
बयान
विक्की ने नहीं बनाया घटना का वीडियो
2004 से एंबुलेंस चला रहे विक्की ने कहा कि वह किसी NGO से नहीं जुड़े हैं और एक अस्पताल में सात साल तक कंपाउडर के तौर पर काम कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने घटना का कोई वीडियो नहीं बनाया था।
अस्पताल का पक्ष
अस्पताल ने सुनाई दूसरी कहानी
हालांकि अस्पताल और प्रशासन ने दूसरी ही कहानी सुनाई है और कहा है कि विक्की जानबूझकर मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं होने दे रहा था और झूठे आरोप लगा रहा था कि अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन नहीं है।
जिला अस्पताल के चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ अनिल शर्मा ने कहा कि विक्की ने अपने फोन पर वीडियो रिकॉर्ड करते हुए प्रशासन और अस्पताल पर आरोप लगाए और मरीजों को ऑक्सीजन देते वक्त उसने कोविड नियमों का पालन नहीं किया।
आरोप
विक्की ने मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया- डॉ शर्मा
डॉ शर्मा ने कहा, "गुरूवार को विक्की एक मरीज को अस्पताल लेकर आया, लेकिन उसे भर्ती नहीं कराया। उसने मरीज को अस्पताल के मुख्य दरवाजे के पास रखा और अपने सिलेंडर से उसे ऑक्सीजन देना शुरू कर दिया। विक्की ने फिर अपना फोन निकाला और यह आरोप लगाते हुए वीडियो बनाया कि अस्पताल और प्रशासन मरीज को कोई मदद प्रदान नहीं कर रहे हैं। उसने यह भी कहा कि उसका समूह सभी मरीजों को ऑक्सीजन प्रदान कर रहा है।"
बयान
डॉ शर्मा बोले- अस्पताल और प्रशासन को बदनाम करने की कोशिश
डॉ शर्मा ने कहा कि अपने इस कृत्य से विक्की जिला अस्पताल और प्रशासन की बदनामी करने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने कहा कि विक्की ने दिन में एक व्हाट्सऐप ग्रुप पर घटना का वीडियो भी साझा किया।
डॉ शर्मा की शिकायत पर विक्की के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के साथ-साथ IPC की धारा 188 (सरकारी आदेश का उल्लंघन) और धारा 269 (बीमारी का संक्रमण फैलाने वाला लापरवाह कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बयान
जिलाधिकारी ने दिया जांच का आदेश
जौनपुर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आ गया है और जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिसे भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।