
इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बोले- हमारा विश्वास भ्रष्ट सिस्टम से उठ गया है
क्या है खबर?
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा नकदी मामले में फंसने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट स्थानांतरित किए गए हैं, जिससे इलाहाबाद बार एसोसिएशन का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
गुरुवार को एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें उन्होंने पूरी व्यवस्था को भ्रष्ट करार दिया है।
उन्होंने कहा, "वकील काम नहीं करना चाहता है, इस भ्रष्ट वातावरण में। हमनें किसी मुवक्किल को नहीं रोका है।"
बयान
वकील काम नहीं करना चाहता है- तिवारी
तिवारी ने आगे कहा, "कोर्ट खुली हुई है। मुवक्किल आ रहे हैं। मुकदमेबाजी चल रही है। दिल्ली ले आएं वकील, कहीं से ले आएं वकील। वकील काम नहीं करना चाहता, जबरदस्ती काम क्यों कराना चाहते हैं? हम नहीं काम करना चाहते इस भ्रष्ट वातावरण में। जिस सिस्टम से हमारा भरोसा उठ गया हो, उस सिस्टम में कैसे बहस करके अपने मुवक्किल को न्याय दिला पाएंगे। जब हम अपना न्याय नहीं मांग सकते, हमें न्याय मिलना मुश्किल हो गया है।"
ट्विटर पोस्ट
सुनिए, क्या बोले अनिल तिवारी
इस करप्ट एटमॉस्फियर में वकील काम नहीं करना चाहते! जिस सिस्टम से हमारा भरोसा उठ गया हो, उसमें हम किस तरह अपने क्लायंट को न्याय दिला पाएंगे! : अनिल तिवारी, प्रेसिडेंट, इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन। #JusticeYashwantVerma #AllahabadHighCourt @news24tvchannel pic.twitter.com/hQ1zZKdaM2
— Prabhakar Kumar Mishra (@PMishra_Journo) March 27, 2025
बंद
इलाहाबाद में प्रभावित हो रहा है काम, दिल्ली बुलाए गए थे तिवारी
न्यायमूर्ति वर्मा के तबादले के बीच खबर है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकील नाराज हैं, जिससे काम प्रभावित हो रहा है।
तिवारी पहले ही कह चुके हैं कि न्यायमूर्ति वर्मा के इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचने पर उनका स्वागत नहीं किया जाएगा और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जताया जाएगा।
उधर, इलाहाबाद हाई कोर्ट में बढ़ते विरोध को देखते हुए अनिल तिवारी को विधि मंत्रालय ने दिल्ली बुलाया था, ताकि हड़ताल और कार्य बहिष्कार पर चर्चा हो सके।
विवाद
क्या है न्यायमूर्ति वर्मा का मामला?
न्यायमूर्ति वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास के स्टोर रूम में 14 मार्च आग लगी थी। उस समय न्यायमूर्ति वर्मा मध्य प्रदेश में थे। उनके परिवार ने अग्निशमन और पुलिस को बुलाया।
ग बुझाने के बाद टीम को घर से भारी मात्रा में नकदी मिली। इसकी जानकारी CJI संजीव खन्ना को हुई तो उन्होंने कॉलेजियम बैठक बुलाकर न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण इलाहाबाद कर दिया।
न्यायमूर्ति वर्मा ने सफाई दी कि उन्होंने या परिवार ने स्टोर रूम में नकदी नहीं रखी।