छत्तीसगढ़: रावण के दसों सिर नहीं जले तो नगर निगम ने कर्मचारी को किया निलंबित
इस साल 5 अक्टूबर को दशहरा मनाया गया था। हर साल की तरह इस बार भी दशहरे पर रावण का पुतला बनाकर उसे जलाया गया, लेकिन रावण का एक पुतला ऐसा भी रहा जिसके दसों सिर बचे रह गए। यह मामला छत्तीसगढ़ का है जहां रावण तो पूरा जल गया, लेकिन उसके 10 सिर जस के तस रह गए। इसके बाद नगर निगम ने मामले में अपने एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
बुधवार को दशहरे के अवसर पर धमतरी के रामलीला मैदान में रावण दहन का कार्यक्रम रखा गया था। इसके लिए पुतला बनवाने की जिम्मेदारी सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी राजेंद्र यादव और अन्य कुछ कर्मचारियों को दी गई थी। उन्होंने रावण का करीब 30 फीट ऊंचा पुतला बनवाया और कार्यक्रम के हिसाब से रात में रावण के पुतले में आग लगाई गई। आग में रावण के 10 सिरों के अलावा सब कुछ जल गया, जिसके बाद नगर निगम की खूब किरकिरी हुई।
यहां देखिए रावण दहन का वीडियो
DMC की छवि खराब करने के आरोप में कर्मचारी को किया गया निलंबित
रावण के सिर न जलने पर गुस्साएं धमतरी नगर निगम (DMC) के अफसरों का कहना है कि रावण का पुतला तैयार कराने में बड़ी लापरवाही हुई है, जिससे नगर निगम की छवि खराब हुई। अफसरों ने गुरुवार को कर्मचारी राजेंद्र यादव को निलंबित कर दिया और अन्य कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया। एक अन्य कर्मचारी समर्थ रणसिंह को राजेंद्र की जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
4 कर्मचारियों के खिलाफ जारी हुआ नोटिस
मामले में चार कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा गया है। नगर निगम के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राजेश पदमवार ने कहा, "इस लापहवाही में राजेंद्र यादव को निलंबित करने के साथ-साथ सहायक अभियंता विजय मेहरा, उप-अभियंता लोमास देवांगन, कमलेश ठाकुर और कामता नागेंद्र से जवाब मांगा गया है।" बता दें कि DMC आयुक्त विनय कुमार पोयम फिलहाल छुट्टी पर हैं ,इसलिए वर्तमान में राजेश पदमवार नगर निकाय प्रमुख के रूप में कामकाज देख रहे हैं।
कर्मचारियों को नहीं दिया जाएगा भुगतान- DMC
धमतरी के मेयर विजय देवांगन ने कहा, "जिन कर्मचारियों को रावण का पुतला बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी, उनके खिलाफ कार्रवाई तो की ही गई है, साथ में अब उनके काम का भुगतान भी रोका जाएगा। इस लापरवाही से नगर निगम की छवि पर बुरा असर हुआ है।" वहीं लोगों का कहना है कि जानबूझकर रावण का ऐसा पुतला बनवाया गया था जो पूरा न जल सके।