उत्तर प्रदेश: भू-माफिया ने बनवाया फर्जी डेथ सर्टिफिकेट, खुद को जिंदा साबित करने को मजबूर साधु
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां 90 साल के साधु कृष्णानंद सरस्वती ने आरोप लगाया है कि स्थानीय भू-माफिया ने फिरोजाबाद नगर निगम के साथ मिलकर उनका फर्जी डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नवंबर 2021 में कृष्णानंद का डेथ सर्टिफिकेट जारी हुआ था और पिछले छह महीने से वह खुद के जिंदा होने के सबूत दे रहे हैं। आइए आपको पूरा मामला बताते हैं।
छह महीने से जिंदा होने की गुहार लगा रहे हैं कृष्णानंद
साधु कृष्णानंद का आरोप है कि स्थानीय भू-माफिया ने फिरोजाबाद नगर निगम के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर बीते साल नवंबर में उनका फर्जी डेथ सर्टिफिकेट तैयार करवाया था, जिसकी जानकारी उन्हें छह महीने पहले हुई। कृष्णानंद स्थानीय अधिकारियों के चक्कर काट अपने जिंदा होने का सबूत दे रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकारी कागजों पर उन्हें मृत ही दिखाया जा रहा है।
मंदिर की जमीन हथियाने के लिए की गई साजिश
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, फर्जी दस्तावेज से भू-माफिया हुमायूंपुर इलाके में एक मंदिर की जमीन पर कब्जा करना चाहता है, जिसकी देख-रेख का जिम्मा कृष्णानंद के पास है। साजिश की जानकारी मिलते ही कृष्णानंद ने नगर आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई है। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर परिसर में 22 दुकानें हैं और साधु कृष्णानंद बीते चार दशकों से इसी मंदिर में रह रहे हैं।
शिकायत पर चल रही है जांच- निगम आयुक्त
निगम आयुक्त घनश्याम मीणा ने कहा, "निगम ने बीते साल फर्जी डेथ सर्टिफिकेट जारी करने संबंधी उनकी शिकायत का संज्ञान ले लिया है। पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"
कानून क्या कहता है?
यह एक कानूनी प्रावधान है कि अगर आप मर चुके हैं तो आप जमीन के मालिक नहीं हो सकते हैं। भू-माफिया इस कानून का फायदा उठाकर जमीन को कब्जाने के लिए मालिक को मरा हुआ घोषित करवा देते हैं और जिंदा होने के बावजूद लोगों को उनकी संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है। पीड़ित खुद को जिंदा बताने के लिए सरकारी विभागों के चक्कर काटता रहता है। अब तक देश में ऐसे कई फर्जी मामले सामने आ चुके हैं।