तालिबान के खौफ से 736 अफगानी नागरिकों ने भारत में शरण के लिए कराया पंजीयन- UNHCR
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद वहां के लोगों में खौफ भरा हुआ है। सुरक्षित जीवन की चाहत में लोग अफगानिस्तान छोड़ने की जुगत में लगे हैं। यही कारण है कि तालिबान के कब्जा करने की तैयारियों के दौरान से ही यानी 1 अगस्त से 11 सितंबर के बीच कुल 736 अफगानी नागरिकों ने भारत में शरण के लिए नया पंजीयन कराया है। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (UNHCR) ने बुधवार को यह जानकारी दी है।
अफगानी नागरिकों की सहायता के लिए अपनी क्षमता बढ़ा रहा UNHCR
UNHCR की ओर से कहा गया है कि शरण के लिए अफगानी नागरिकों की बढ़ती पंजीयन संख्या को देखते हुए वह भारत में उनके पंजीकरण और सहायता के बढ़ते अनुरोधों को पूरा करने के लिए वह अपनी क्षमता बढ़ा रहा है। एजेंसी ने कहा कि वह वीजा जारी करने और समय सीमा बढ़ाने, सहायता और समाधान सहित अफगान नागरिकों से संबंधित मामलों पर सरकार के साथ लगातार बातचीत कर रही है। इसका अफगानी लोगों को पूरा लाभ मिलेगा।
भारत में 43,157 है UNHCR से संबंधित लोगों की संख्या
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, UNHCR के आंकड़ों की माने तो भारत में 'पर्सन आफ कंसर्न' की कुल संख्या 43,157 है। इनमें 15,559 रिफ्यूजी और शरण मांगने वाले अफगानिस्तान के लोग हैं। इसका मतलब उन लोगों से है, जिन्हें एजेंसी आंतरिक रूप से विस्थापित, शरण मांगने वाला या बिना देश वाले व्यक्ति मानती है। UNHCR द्वारा 1 अगस्त से 11 सितंबर तक उसने भारत में शरण मांगने वाले कुल 736 अफगानी नागरिकों का नाम दर्ज किया गया है।
शरणार्थियों के लिए की जा रही भोजन और आवास की सुविधा
संयुक्त राष्ट्र निकाय ने कहा कि वह अफगानिस्तान से आए लोगों के लिए अपने मानवीय प्रतिक्रिया कार्यक्रम को बढ़ा रहा है। इन लोगों को भोजन, नकद आधारित सहायता और मुख्य राहत सामग्री जैसी बुनियादी सहायता प्रदान की जा रही है। अब तक 6,000 लोगों को खाद्य सहायता, 3,000 महिलाओं और लड़कियों के लिए सैनिटरी आइटम, 500 सबसे कमजोर लोगों के लिए नकद सहायता और 1,000 लोगों के लिए शीतकालीन सहायता उपलब्ध कराई गई है।
लोगों की मदद के लिए स्थापित किया अफगानिस्तान आपातकालीन प्रकोष्ठ
UNHCR ने कहा कि उसने एक अफगानिस्तान आपातकालीन प्रकोष्ठ और अफगानों के लिए एक समर्पित सहायता पृष्ठ स्थापित किया है। इसमें पंजीकरण और सहायता की व्यापक जानकारी उपलब्ध है। इसमें कहा गया है कि अफगान समुदायों से सीधे जुड़ने और चौबीसों घंटे सवालों के जवाब के लिए 24/7 हेल्पलाइन स्थापित की गई है। इस पर प्रतिदिन 130 से अधिक कॉल आ रही है। इसमें मुख्य रूप से सहायता और पंजीकरण के बारे में पूछताछ की जा रही है।
तालिबान ने 15 अगस्त को किया था अफगानिस्तान पर कब्जा
बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर अपना कब्जा कर लिया था। इसके बाद उसने अपनी अंतरिम सरकार का भी ऐलान कर दिया। तालिबान के शासन के डर से लाखों अफगान नागरिक दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं। भारत सरकार ने 'आपरेशन देवी शक्ति' के तहत भारतीय वायुसेना के सैन्य परिवहन विमान के जरिए अफगानिस्तान से लोगों को निकाला था। इनमें भारतीय नागरिकों सहित अफगानी और नेपाल के नागरिक भी शामिल थे।