ED ने ब्राजील सरकार के अनुरोध पर देश के 67 बैंक खातों को किया फ्रीज
क्या है खबर?
ब्राजील में एक प्रांतीय गवर्नर द्वारा किए गए गबन और धोखाधड़ी के मामले की जांच भारत तक पहुंच गई है। मामले की जांच में गवर्नर द्वारा भारत के कुछ बैंक खातों में भी पैसा ट्रांसफर किए जाने की बात सामने आई है।
ऐसे में ब्राजील सरकार के अनुरोध पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देश के विभिन्न व्यापारी और कंपनियों के कुल 67 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। ED ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में यह जानकारी दी है।
प्रकरण
खातें फ्रीज किए जाने पर हैमिल्टन हाउसवार्स कंपनी ने दायर की थी याचिका
HT के अनुसार ED ने पिछले महीने हैमिल्टन हाउसवार्स सहित कई कंपनी और लोगों के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था।
इसको लेकर कंपनी की ओर से अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
हैमिल्टन हाउसवार्स कंपनी भारत में 'मिल्टन' ब्रांड के नाम से प्लास्टिक, थर्मो स्टील, थर्मोवर, सिरेमिक वेयर और ग्लासवेयर का उत्पादन करती है। ED ने गत 13 जुलाई को उसके खाते फ्रीज कर लेन-देन पर रोक लगा दी थी।
दलील
कंपनी की ओर से हाईकोर्ट में यह दी गई दलील
हैमिल्टन हाउसवार्स कंपनी की ओर से अधिवक्ता अग्रवाल ने हाईकोर्ट में बताया कि ED की ओर से अचानक की गई इस कार्रवाई से लॉकडाउन में पहले ही तंगी से जूझ रही कंपनी का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। खाते फ्रीज होने से कंपनी व्यापार करने में सक्षम नहीं है।
उन्होंने यह भी दलील दी कि ED ने कार्रवाई करने से पहले न तो अपराध पंजीबद्ध करने की जानकारी दी और ना ही कंपनी के सवालों का जवाब दिया।
जवाब
ED ने हाईकोर्ट में यह बताया खाते फ्रीज करने का कारण
ED ने हाईकोर्ट को बताया कि ब्राजील में एक प्रांतीय गवर्नर के खिलाफ गबन धोखाधड़ी की जांच चल रही है। जांच में सामने आया कि गबन में भारत सहित 50 देश शामिल है।
इस पर ब्राजील ने भारत से 67 खातों को फ्रीज करने का अनुरोध किया था। ऐसे में उन्होंने वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए दोनों देशों के बीच एक आपसी समझौते के अनुसरण में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधान के तहत कार्रवाई की है।
अन्य
ED ने इन कंपनियों के खातों को भी किया है फ्रीज
ED ने हाईकोर्ट को बताया कि उसने ब्राजील के अनुरोध पर केवल हैमिल्टन हाउसवार्स ही नहीं बल्कि आठ अन्य और कंपनियों के खातों को भी फ्रीज किया है।
इनमें JK टायर, KP संघवी एंड संस, नैन्सी क्राफ्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, भारत फैशन और अप्पेरल्स, ईस्टमैन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, ऑर्बिट एक्सपोर्ट्स लिमिटेड, श्रेनुज एंड कंपनी और RSWM लिमिटेड शामिल है।
इसके अलावा शेष खाते विभिन्न व्यापारियों के हैं। उन्होंने बताया कि जांच में इनका नाम शामिल है।