पालघर मॉब लिंचिंग: पुलिस की मौजूदगी में हुई थी दो साधुओं समेत तीन की हत्या
देश भर में कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉकडाउन के बीच गत गुरुवार रात को महाराष्ट्र के पालघर जिले में मॉब लिंचिंग की शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई थी। उसमें करीब 150 लोगों की भीड़ ने दो साधुओं और उनके एक ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस घटना में अब चौंकाने वाली बात सामने आई है। घटना के वीडियो में पता चला है कि इस वारदात को पुलिस की मौजूदगी में ही अंजाम दिया गया था।
लुटेरे समझकर ग्रामीणों ने दिया था वारदात को अंजाम
गत गुरुवार रात को दोनों साधु अपने ड्राइवर के साथ एक अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कांदिविली से सिलवासा जा रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण रास्ते बंद होने से वे छोटे रास्ते से जा रहे थे। उसी दौरान किसी ने उनके लुटेरे होने की अफवाह उड़ा दी। इसको लेकर ग्रामीणों ने कासा पुलिस स्टेशन के गडचिंचले गांव में उन्हें रोक लिया और उनकी गाड़ी पलट दी तथा उनसे जमकर मारपीट की। इससे उनकी मौत हो गई है।
तीनों व्यक्तियों की हुई पहचान
जानकारी के अनुसार, तीन पीड़ितों में से दो, कल्पव्रूश गिरी (70) और सुशील गिरी (35) वाराणसी के 'श्री पंच दशनम जूना अखाड़ा' से जुड़े थे। वहीं तीसरे व्यक्ति की पहचान नीलेश तल्गाड़े के रूप में की गई है, जो कार का चालक था।
ग्रामीणों की भीड़ के आगे तमाशबीन बनी रह गई पुलिस
इस घटना का एक वीडियो भी वायरस हो रहा है, जिसमें साफ दिख रहा है कि एक साधु पुलिसकर्मी के पीछे छिपकर जान बचाने की कोशिश करता है, लेकिन पुलिस कुछ नहीं करती। ग्रामीणों की भीड़ पुलिस के पास से साधू को खींचकर ले जाती है और जमकर मारपीट करती है। इस वीडियो ने पुलिस की कार्य शैली पर बड़े सवाल खड़े किए हैं। पुलिस अब खुद पर हमला होने की दलील देकर बचने की कोशिश कर रही है।
मामले में पुलिस ने अब तक की यह कार्रवाई
मामले में सियासत के गरमाने और चहुंओर किरकिरी होने के बाद पुलिस ने अब तक 110 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार सभी लोगों के खिलाफ हत्या सहित अन्य गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। गिरफ्तार किए गए 110 लोगों में 9 नाबालिग हैं। सभी आरोपियों को 30 अप्रैल तक पुलिस कस्टडी में रखा गया है, वहीं नाबालिगों को शेल्टर होम भेजा गया है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की कार्रवाई की मांग
मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताई है। उन्होंने रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से इस बारे में बात की है और उचित कार्रवाई की मांग की है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश
वीडियो वायरल होने के बाद इस पर सियासत भी गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि पालघर में मॉब लिंचिंग घटना का वीडियो हैरान करने वाला और अमानवीय है। ऐसी विपदा के समय इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है। इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मामले में 110 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री देशमुख ने दी घटना को सांप्रदायिक रंग नहीं देने की चेतावनी
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इस घटना को कोई सांप्रदायिक रंग नहीं देने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों पर करीबी नजर रख रही है, जो इस घटना के जरिए समाज में दरार पैदा करना चाहते हैं।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री देशमुख की चेतावनी
साधु-संतों ने घटना पर विरोध जताते हुए की आरोपियों पर NSA लगाने की मांग
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने घटना को लेकर सरकार को चेतावनी दी कि यदि हत्यारों पर कार्रवाई नहीं हुई तो महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आंदोलन होगा। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। इसी तरह भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने भी ट्वीट करके आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने की मांग की है। उन्होंने भी महाराष्ट्र सरकार को साधुओं के क्रोध का सामना करने की चेतावनी दी।