जम्मू-कश्मीर: ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए LoC पर बनाए जा रहे 125 सामुदायिक बंकर
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण (LoC) रेखा पर पाकिस्तान की ओर से किए जाने वाले संघर्ष विराम के उल्लंघन में अब आस-पास के गांवों के निर्दोष ग्रामीणों की जान नहीं जाएगी।
सरकार ने LoC से सटे गांवों के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सामुदायिक बंकरों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।
इसके तहत LoC से सटे कुपवाड़ा और बारामूला जिले के गांवों में अभी 125 सामुदायिक बंकर बनाए जा रहे हैं। इसके बाद अन्य बंकरों का निर्माण किया जाएगा।
बयान
सुरक्षा को लेकर बढ़ रही सामुदायिक बंकरों की मांग- मजिस्ट्रेट
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कुपवाड़ा जिले की करनाह तहसील के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट डॉ बिलाल मोहिउद्दीन ने बताया पाकिस्तान की ओर से लगातार किए जा रहे संघर्ष विराम के उल्लंघन के कारण समीपवर्ती गांवों में बंकर बनाए जाने की मांग बढ़ती जा रही थी।
गुरुवार को भी पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग में तंगधार सेक्टर में एक महिला गोली लगने से घायल हो गई थी। ऐसे में बंकर बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
बंकर
कहां बन रहे कितने सामुदायिक बंकर?
सब डिविजनल मजिस्ट्रेट ने बताया कि ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कुपवाडा जिले में कुल 85 सामुदायिक बंकर बनाए जा रहे हैं। इनमें 60 बंकर करनाह और तंगधार सेक्टर, 10 बंकर केरन और 15 माछिल सैक्टर में बनाए जा रहे हैं।
इसी तरह बारामूला जिले में कुल 40 बंकरों का निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बंकारों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। इससे ग्रामीणों को सुरक्षा मिलेगी।
सुरक्षा
पाकिस्तान के फायरिंग करने पर बंकरों में शरण लेंगे ग्रामीण
सेना के अधिकारियों ने बताया कि सभी बंकर जमीन के अंदर मजबूती से तैयार किए जा रहे हैं।
बंकरों पर गोली और ग्रेनेड का प्रभाव नहीं पड़ता। ऐसे में बंकरों के तैयार होने के बाद पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम का उल्लंघन करने पर सीमा पर बसे गांवों के लोगों को इन बंकरों में रखकर सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
दोनों जिलों में बंकरों का निर्माण कार्य शुरू होने से वहां के ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी झलक रही है।
परेशानी
प्रतिदिन होने वाली गोलीबार से बना रहता है मौत का खतरा- ग्रामीण
उरी के समीपवर्ती गांव के ग्रामीण फारूक अहमद ने बताया कि ग्रामीणों को लंबे समय से सुरक्षा के लिए बंकरों की जरूरत थी। ग्रामीणों पर आए दिन होने वाली गोलीबारी से मौत का खतरा मंडराता रहता है। बंकरों से उन्हें कुछ सुरक्षा तो मिल जाएगी।
एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली गोलीबारी और ग्रेनेड हमलों में उनके घर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। उनकी मरम्मत पर बहुत अधिक खर्च करना पड़ता है।
हालात
चालू वर्ष में 2,711 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर चुका है पाकिस्तान
बता दें कि जनवरी से लेकर 20 जुलाई तक पाकिस्तान की ओर से 2,711 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जा चुका है।
हालांकि, भाारतीय सेना की ओर से इसका करारा जवाब दिया जाता है, लेकिन इस लड़ाई में निर्दोष ग्रामीण भी पिस जाते हैं।
यही कारण है कि इस अवधि में संघर्ष विराम के उल्लंघन के कारण 27 निर्दोष ग्रामीणों की मौत हो गई तथा 94 ग्रामीण घायल हो गए। ऐसे में ग्रामीण बंकरों की मांग कर रहे थे।