दिल्ली में 10,000 बस मार्शलों को फिर मिलेगा रोजगार, दिल्ली सरकार ने पारित किया प्रस्ताव
दिल्ली में 10,000 से अधिक बस मार्शलों की बहाली का रास्ता साफ हो गया है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने शनिवार को सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को बहाल करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। शुरुआत में सरकार ने मार्शलों काे 4 महीने का रोजगार देने की योजना बनाई है। इसके बाद इसे बढ़ा दिया जाएगा। इसी तरह सरकार ने मर्शलों को नियमित करने की भी तैयारी शुरू कर दी है। इससे मार्शलों में खुशी की लहर है।
मुख्यमंत्री आतिशी ने किया मर्शलों की बहाली का ऐलान
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि बस मार्शलों को फिर से तैनात करने का अहम फैसला लिया गया है। उन्हें सोमवार से वापसी के नोटिस भेजे जाएंगे। इसके बाद वह मंगलवार और बुधवार को संबंधित जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में अपना पंजीकरण करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल 4 महीने के लिए नियुक्त किए गए बस मार्शलों को वायु प्रदूषण फैलाने वाले हॉटस्पॉट में धूल और कचरा जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने जैसे कार्यों के लिए तैनात किया जाएगा।
बस मार्शलों को नियमित करने का दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा, "मैं बस मार्शलों को आश्वस्त करती हूं कि आने वाले कुछ दिनों में ही उनकी स्थायी नियुक्ति का प्रस्ताव उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के पास भेजेंगे।" उन्होंने भाजपा पर साजिश के तहत बस मार्शलों को हटाने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बसों में महिलाओं की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए 2018 में उनकी तैनाती की गई थी, लेकिन भाजपा ने साजिश के तहत पिछले साल अक्टूबर में उन्हें हटा दिया।
क्या है बस मार्शलों की नियुक्ति का मुद्दा?
दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन बसों में मार्शल के रूप में तैनात 10,000 से अधिक नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को नियुक्त किया गया था। इनका काम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, बसों के अंदर व्यवस्था बनाए रखना और अव्यवस्थाओं को रोकना होता था। हालांकि, पिछले साल नागरिक सुरक्षा निदेशालय द्वारा आपत्ति जताने के बाद इन्हें हटा दिया गया था। उसके बाद से ही इनकी बहाली का लेकर भाजपा और AAP आमने-सामने थी।