#NewsBytesExclusive: शहाणा गोस्वामी जल्द बनेंगी निर्देशक, बॉलीवुड मसाला फिल्म का भी इंतजार
शहाणा गोस्वामी बॉलीवुड में 15 साल से लंबे वक्त से सक्रिय हैं। उन्होंने लीक से हटकर कई फिल्में की हैं और अपनी खास पहचान बनाई है। इस साल कपिल शर्मा के साथ उनकी फिल्म 'ज्विगाटो' चर्चा में रही थी। अब मुंबई में हो रहे MAMI फिल्म फेस्टिवल में उनकी शॉर्ट फिल्म 'माई' प्रदर्शित की जाएगी। इस फिल्म में उनके साथ कुणाल रॉय कपूर ने काम किया है। फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर शहाणा ने न्यूजबाइट्स हिंदी से खास बातचीत की।
'मां के खाने' पर आधारित है 'माई'
'माई' का निर्देशन मिलिंद धायमाडे ने किया है और इसका निर्माण कोलोसियम मीडिया ने किया है। फिल्म सुमन (कुणाल) की कहानी है, जिसे अपनी मां के हाथ का खाना बेहद पसंद है। एक दिन उसकी मां का निधन हो जाता है। सुमन उनके बनाए आखिरी खाने को हर संभव तरीके से बचाकर रखने की कोशिश करता है। तभी उसकी मुलाकात मोना (शहाणा) से होती है, जो किसी भी खाने को चखकर उसकी रेसिपी जान सकती है।
असल जिंदगी में कितना पसंद है खाना बनाना?
'माई' में शहाणा किचन में मस्ती करती हुई नजर आई हैं। उन्होंने बताया कि असल जिंदगी में भी उन्हें किचन में रहना पसंद है। वह अपने शौक से कुछ न कुछ बनाती रहती हैं। वह खुद नहीं बना रही हैं तो दूसरों की मदद करने किचन में चली जाती हैं। उन्हें किचन में खाना बनाते हुए बातें करना काफी पसंद है। हालांकि, वह यह काम सिर्फ शौक से कर सकती हैं। वह खाना बनाने की जिम्मेदारी नहीं ले सकतीं।
सुनाया बचपन का मजेदार किस्सा
शहाणा ने अपने बचपन का मजेदार किस्सा सुनाया, जब वह किचन में अपनी मां की मदद करने की कोशिश कर रही थीं। वह करीब 4-5 साल की थीं। उनकी मां ने देखा कि वह दोनों बाहों में 6 अंडे भरकर उनकी तरफ आ रही हैं और सारे अंडे गिरते जा रहे हैं। जब सब अंडे फूट गए तो उन्होंने मासूमियत से मां को जवाब दिया, "मैं तो मदद करने आ रही थी।"
सिर्फ मां नहीं, सबको आना चाहिए खाना बनाना- शहाणा
शहाणा ने मांओं पर खाना बनाने के नैतिक और भावनात्मक भार पर बात की। उन्होंने कहा कि मांओं को 'किचन से निकालने' से ज्यादा जरूरी है घर के सभी लोगों को 'किचन में घुसाना'। उन्होंने कहा, "किसी को किचन से निकालना क्यों है? खाना बनाना जिंदगी के लिए एक जरूरी हुनर है, जो सभी को आना चाहिए और यह मर्जी की बात होनी चाहिए। मांएं किचन से बाहर तब निकलेंगी, जब कोई और किचन में घुसेगा।"
मिलिंद को बताया बेहतरीन लेखक और निर्देशक
शहाणा ने मिलिंद के साथ 2016 की फिल्म 'तू है मेरा संडे' में भी काम किया था। उन्होंने मिलिंद के साथ दूसरी साझेदारी पर बात की। शहाणा ने कहा, "हर कोई अच्छा लेखक और निर्देशक नहीं होता है। मिलिंद काफी अच्छे लेखक और निर्देशक हैं। वह अपने आसपास की चीजों पर खूब ध्यान देते हैं, उन्हें समझते हैं। यही बारीकी उनके काम में, किरदारों में और उनके संवाद में नजर आती है।"
इस तरह की फिल्मों में प्रयोग करना चाहती हैं शहाणा
फिल्म जगत में करीब 15 साल बिताने के बाद भी कलाकार के तौर पर शहाणा अब भी बहुत कुछ करना चाहती हैं। उन्होंने कहा, "मुझे वो करना है, जिसमें लोग मेरी कल्पना ही नहीं करते हों। मैं एक्शन फिल्म करना चाहती हूं। मैं खास बॉलीवुड मसाला फिल्म करना चाहती हूं। जैसे मुझे करण जौहर की 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' काफी पसंद आई। मैं कुछ उस तरह की फिल्म करना चाहूंगी।"
जल्द निर्देशक की कुर्सी संभालेंगी
शहाणा निर्देशन में भी दिलचस्पी रखती हैं। कोरोना महामारी के दौरान वह फ्रांस में थीं और उन्होंने एक फ्रेंच शॉर्ट फिल्म लिखी थी। महामारी से ठीक पहले वह भारत वापस आई थीं और वह फिल्म नहीं बना पाईं। उन्होंने कहा, "निर्देशन के लिए आपके पास बहुत समय होना चाहिए और मैं अब भी अभिनेत्री के तौर पर काफी कुछ करना चाहती हूं। हालांकि, मुझे उम्मीद है कि अगले एक-डेढ़ साल में मैं अपनी फिल्म के साथ तैयार होऊंगी।"
MAMI फिल्म फेस्टिवल के लिए उत्साहित
MAMI फिल्म फेस्टिवल में यह शॉर्ट फिल्म बड़े पर्दे पर देखने को मिलेगी। इसे लेकर शाहणा काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, "फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा होना हमेशा शानदार होता है, क्योंकि असल में सिनेमा से प्यार करने वाले लोग यहां मिलते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "जब आप कुछ अच्छा बनाते हैं और अन्य रचनात्मक लोगों को दिखाते हैं, तो वे इससे प्रेरित होते हैं। मुझे लगता है कि ये अन्य लोगों को कुछ और रोचक बनाने के लिए प्रेरित करेगी।"