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जयंती विशेष: जगजीत सिंह के गाने को नापसंद करती थीं चित्रा, ये थी पहली प्रतिक्रिया
8 फरवरी को जगजीत सिंह की जयंती

जयंती विशेष: जगजीत सिंह के गाने को नापसंद करती थीं चित्रा, ये थी पहली प्रतिक्रिया

Feb 08, 2023
11:42 am

क्या है खबर?

जगजीत सिंह के बिना गजल की दुनिया अधूरी है। गजल को संगीत इंडस्ट्री की मुख्य धारा में लाने का श्रेय जगजीत को जाता है। इससे पहले गजलें सिर्फ मंचों और कार्यक्रमों में प्रस्तुत की जाती थीं। जगजीत गजल को फिल्मों में लाए। 8 फरवरी को उनकी 82वीं जयंती है। एक तरफ जहां सारी दुनिया जगजीत की आवाज की कायल थी, वहीं उनकी पत्नी चित्रा सिंह को पहली बार में उनकी आवाज बिल्कुल खराब लगी थी। आइए जानते हैं यह किस्सा।

पहली मुलाकात

 जगजीत को सुनकर चित्रा ने कहा था- तौबा-तौबा

एक पुराने इंटरव्यू में चित्रा ने जगजीत से अपनी पहली मुलाकात का किस्सा सुनाया था। जगजीत चित्रा के एक पड़ोसी के घर गाने आए थे। जगजीत गा रहे थे और चित्रा बालकनी में खड़ी थीं। चित्रा को उनकी आवाज बिल्कुल नहीं भा रही थी। अगले दिन हर कोई उनकी तारीफ कर रहा था। चित्रा को भी पिछली शाम का रिकॉर्डेड टेप दिया गया। सबने कहा, "वाह, क्या आवाज है।" वहीं चित्रा की प्रतिक्रिया थी, "तौबा-तौबा ये भी कोई आवाज है।"

प्यार

चित्रा के पति से जगजीत ने मांगा था उनका हाथ

इस वाकये के कुछ साल बाद एक कार्यक्रम के लिए चित्रा जगजीत से दोबारा मिलीं और उन्हें याद आया कि यह वही शख्स है जिसे उन्होंने बालकनी से सुना था। जगजीत और चित्रा ने कई गाने एक साथ गाए। वे अकसर एक-दूसरे से मिलने-जुलने लगे और एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए। तब चित्रा शादीशुदा थीं, लेकिन अपने पति से अलग रहती थीं। जगजीत ने उनके पति से ही उनका हाथ मांगा और उनसे शादी कर ली।

शिक्षा

पिता चाहते थे, प्रशासनिक अधिकारी बनें जगजीत

जगजीत का जन्म 8 फरवरी, 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुआ था। वह मूल रूप से पंजाबी थे। जगजीत के पिता ने उनकी संगीत में रुचि को देखते हुए उन्हें संगीत की शिक्षा दिलाई थी, लेकिन वह चाहते थे कि जगजीत प्रशासनिक अधिकारी बनें। जगजीत संगीत के प्रति मोहित हो चुके थे वह सबकुछ छोड़कर मुंबई आ गए। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज संगीत की दुनिया के सबसे चमकते सितारों में से एक हैं।

लोकप्रियता

जगजीत की इन गजलों के हैं करोड़ों प्रशंसक

10 अक्टूबर, 2011 को जगजीत का ब्रेन हैमरेज के कारण निधन हो गया था। जगजीत ने अपने करियर में कई भाषाओं गजलें गाईं। 'द अनफॉरगेटेबल', 'मिराज', 'सिलसिले' और 'सहर' जैसे एल्बम खूब लोकप्रिय हुए। 'वो कागज की कश्ती', 'जिंदगी धूप तुम घना साया', 'झुकी झुकी सी नजर' समेत हर गाने के करोड़ों प्रशंसक हैं। फिल्मी गानों में 'होश वालों को खबर क्या', 'तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो' और 'होठों से छू लो', 'चिट्ठी न कोई संदेश' काफी लोकप्रिय हैं।