'रांझणा' के 10 साल: फिल्म की खास बातें, जिनसे आज भी जुड़ते हैं दर्शक
'रांझणा' बॉलीवुड की यादगार रोमांटिक फिल्मों में से एक है। यह फिल्म 21 जून, 2013 को रिलीज हुई थी। यूं तो आज इस फिल्म के रिलीज हुए 10 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी प्रशंसक अपनी बातचीत में फिल्म के संवादों और गानों का जिक्र करते हैं। आनंद एल राय की यह फिल्म 10 साल बाद भी क्यों पसंद की जाती है? आइए, नजर डालते हैं उन बातों पर जिसने इस फिल्म को यादगार बना दिया।
सरलता
फिल्म की सरलता इस फिल्म का सबसे मजबूत तत्व है। बनारस की पृष्ठभूमि पर यह इस तरह फिल्माई गई है कि छोटे शहर के लोग इसके किरदारों से खुद को बखूबी जोड़ सकते हैं। बचपन की दोस्ती, मोहल्ले का चंदा, त्यौहार, गंगा घाट जैसी चीजें फिल्म में खूबसूरती से शामिल किए गए हैं। लेखक हिमांशु शर्मा और जॉन महेंद्रन ने इसे यूं लिखा है कि छोटे शहर का हर प्रेमी इससे खुद को जोड़कर देखता है।
किरदार
फिल्म के तौर पर तो 'राझणा' याद की ही जाती है, फिल्म के किरदारों की भी अपनी पहचान है। कुंदन, एक ऐसा प्रेमी है जो प्यार में किसी भी हद तक चलता ही जा रहा है। मुरारी, जो प्यार में अंधे अपने दोस्त को डांटता-फटकारता रहता है, लेकिन किसी भी स्थिति में उसका साथ नहीं छोड़ता। बिंदिया, जिसके दिल-ओ-दिमाग में कुंदन है लेकिन वो उसका नहीं है। जोया, जिसपर दर्शकों को कभी प्यार आता है तो कभी गुस्सा।
न्यूजबाइट्स प्लस
'रांझणा' में धनुष (कुंदन) और सोनम कपूर (जोया) मुख्य भूमिका में नजर आए थे। इनके साथ जीशान आयुब ने मुरारी और स्वरा भास्कर ने बिंदिया का किरदार निभाया था।
संगीत
10 साल बाद भी फिल्म के गानों को उतना ही पसंद किया जाता है। इस फिल्म के गानों में अल्हड़पन है, प्यार है, दर्द है और दर्शन भी है। 'रांझणा' का संगीत एआर रहमान ने तैयार किया था। इसके गाने इरशाद कामिल ने लिखे थे। 'रांझणा हुआ तेरा', 'तुम तक', 'पिया मिलेंगे', जैसे गाने आज भी लोगों की प्लेलिस्ट से लेकर सोशल मीडिया रील्स तक में छाए रहते हैं।
संवाद
एक दशक बाद भी यह फिल्म पसंद किए जाने की वजह इसके संवाद भी हैं। लेखकों की कलाकारी से इसके संवाद लोगों से जुड़कर रह गए। 'तुमसे प्यार करना मेरा टैलेंट है', 'मोहल्ले का प्यार अकसर डॉक्टर और इंजिनियर ले जाते हैं', 'प्यार न हुआ तुम्हारा UPSC का एग्जाम हो गया, 10 साल से क्लियर ही नहीं हो रहा है', जैसे संवाद इस फिल्म के प्रशंसकों के जहन में हमेशा ताजा रहते हैं।
क्लाइमैक्स
'रांझणा' बॉलीवुड के बेहतरीन क्लाइमैक्स वाली फिल्मों में से एक हैं। आखिर में धनुष का मोनोलॉग इस फिल्म को पूरा करता है। क्लाइमैक्स में फिल्म के सभी किरदारों का कुंदन से प्रेम मजबूती से दिखाई देता है। इस मार्मिक क्लाइमैक्स का अलग प्रशंसक वर्ग है।