पिता को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से दरभंगा पहुंची ज्योति पासवान के जीवन पर बनेगी फिल्म
क्या है खबर?
लॉकडाउन की वजह से एक 15 साल की लड़की अपने घायल पिता को हरियाणा के गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा तक साइकिल पर बैठाकर पहुंच गई।
अब ज्योति कुमारी पासवान नाम की यह लड़की न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में खूब तारीफें बटोर रही है।
वहीं फिल्मकार विनोद कापड़ी जल्द ही ज्योति की जिंदगी को पर्दे पर उतारने जा रहे हैं।
इसके लिए उन्होंने कानूनी तौर पर राइट्स भी ले लिए हैं।
जानकारी
क्या है ज्योति की कहानी?
दरभंगा की रहने वाली ज्योति अपने घायल पिता के पास गुरुग्राम आई थी। लॉकडाउन के कारण दोनों वहीं फंस गए। इसके बाद खाने-पीने की परेशानी के कारण ज्योति अपने पिता को साइकिल पर बैठाकर सात दिन में 1,200 किलोमीटर यात्रा तय कर घर ले गई।
बयान
हर किसी को प्रेरित करेगी ज्योति की कहानी
फिलहाल इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि विनोदी कापड़ी इस विषय पर फिल्म बनाने जा रहे हैं या वेब सीरीज के रूप में ज्योति की कहानी दुनिया के सामने पेश करेंगे।
वहीं दिल्ली के भागीरथी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के एक प्रवक्ता ने कहा है कि ज्योति की कहानी में बहुत दर्द, मुश्किलें और चुनौतियां भरी है। यह एक मजदूर की कहानी है, जो हर किसी को प्रेरित करेगी।
पुष्टि
ज्योति के पिता ने किया अनुबंध पत्र पर साइन
प्रवक्ता ने आगे बताया कि अब इस संदर्भ में ज्योति के पिता मोहन पासवान आज विनोद कापड़ी की कंपनी BFPL के साथ एक अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर करके उन्हें फिल्म और वेब सीरीज बनाने की अनुमति दे चुके हैं।
इसके तहत उन्होंने ज्योति पर फिल्म बनाने के कॉपीराइट्स कापड़ी को सौंप दिए हैं।
यह सभी औपचारिकताएं विनोडी कापड़ी की ओर से निर्भय भारद्वाज ने मोहन पासवान के पास उनके गांव पहुंचकर पूरी की है।
यात्रा
विनोद कापड़ी ने की थी मजदूरों के साथ यात्रा
इस बारे में बात करते हुए विनोद कापड़ी ने कहा है कि उन्होंने हाल ही में कुछ मजदूरों के साथ गजियाबाद से लेकर सिरसा तक पैदल यात्रा की थी। वह जानते है कि यह यात्राएं कितनी मुश्किल और खतरनाक होती हैं। इस विषय पर उनकी एक डॉक्यूमेंट्री भी जल्द ही आने वाली है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि वह ज्योति और उनके पिता मोहन पासवान की कहानी को एक अलग ढंग से पेश करना चाहते हैं।
जानकारी
ज्योति और उनके पिता से मिलने दरभंगा जाएंगे विनोद
रिपोर्ट्स के अनुसार विनोद पिता और बेटी के संघर्ष की कहानी को और विस्तार से जानने के लिए जल्द ही उनके घर दरभंगा का रुख करेंगे।
गौरतलब है कि विनोद कापड़ी को 2014 में उनकी एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'कान्ट टेक दिस शिट एनिमोर' के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किए जा चुके हैं। इसके बाद उन्होंने 2015 में 'मिस टनकपुर हाजीर हो' से बॉलीवुड कदम रखा।
इसके अलावा 'पीहू' जैसी फिल्म भी दर्शकों के सामने पेश कर चुके हैं।