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खामोश हो गई वाणी जयराम की आवाज, स्कूलों में भी गाया जाता है उनका यह भजन
चेन्नई में वाणी जयराम का निधन

खामोश हो गई वाणी जयराम की आवाज, स्कूलों में भी गाया जाता है उनका यह भजन

Feb 05, 2023
04:00 pm

क्या है खबर?

दक्षिण भारत की मशहूर गायिका वाणी जयराम का शनिवार को 77 साल की उम्र में निधन हो गया। वह चेन्नई स्थित अपने आवास पर मृत पाई गईं। तमिलनाडु पुलिस ने उनकी मौत की पुष्टि की है। उनके सिर पर चोट भी लगी है, जिसकी वजह साफ नहीं है। कहा जा रहा है कि उनकी मौत गिरकर हुई है। वाणी को हाल ही में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। एक नजर डालते हैं उनके स्वर्णिम सफर पर।

खबर

77 वर्ष की उम्र में हुआ निधन

शनिवार को वाणी का निधन हो गया। वह 77 वर्ष की थीं और चेन्नई में अकेले रहा करती थीं। उनकी घरेलू सहायिका ने मीडिया को बताया कि उन्होंने उनके घर की घंटी कई बार बजाई, लेकिन अंदर से किसी ने दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद उनके पति ने भी वाणी को फोन किया, लेकिन फोन भी नहीं उठा। घर में सिर्फ वाणी ही रहा करती थीं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

परिचय

बीते गणतंत्र दिवस पर पद्म भूषण से हुईं थीं सम्मानित

बीते गणतंत्र दिवस के मौके पर वाणी को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। वह 19 भाषाओं में 10,000 से ज्यादा गाने गा चुकी थीं। उनका जन्म तमिलनाडु के वेल्लोर में शास्त्रीय संगीत से ताल्लुक रखने वाले एक परिवार में हुआ था। उन्होंने अपना पहली प्रस्तुति आठ वर्ष की उम्र में ऑल इंडिया रेडियो, मद्रास के लिए दी थी। बंगाली, तमिल, कन्नड़, तेलुगु, मराठी समेत कई भाषाओं में उन्होंने करीब पांच दशक तक गाने गाए हैं।

हिंदी संगीत

'हमको मन की शक्ति देना' गा चुकी थीं वाणी

हिंदी जगत की बात करें तो वाणी ने अपने करियर की शुरुआत 1971 में फिल्म 'गुड्डी' में जया बच्चन के लिए 'बोले रे पपीहरा' गाया था। लोकप्रिय स्कूल प्रार्थना 'हमको मन की शक्ति देना' को भी वाणी ने अपनी आवाज दी थी। वह मन्ना डे, मोहम्मद रफी, नौशाद, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, किशोर कुमार, आशा भोसले जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ भी गाने गा चुकी हैं। वह ठुमरी, गजल और भजन जैसी विधा में पारंगत थीं।

शोक

बीते साल संगीत जगत ने खोए कई सितारे

वाणी के जाने के साथ संगीत जगत की एक और आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई। बीते साल संगीत इंडस्ट्री ने अपने कई अनमोल सितारों को खो दिया था। बीते साल फरवरी में स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। दुनिया उनके जाने के शोक से उबरी भी नहीं थी कि कुछ ही दिनों के अंदर बप्पी लहरी का निधन हो गया था। इसके बाद जुलाई में मशहूर गायक केके का देहांत हो गया था।