सेंसर बोर्ड की मंजूरी के दो साल बाद 'आधार' में UIDAI की 28 कट की मांग
क्या है खबर?
कॉमेडी ड्रामा फिल्म 'आधार' साल की शुरुआत में चर्चा में बनी हुई थी। फिल्म का ट्रेलर जनवरी में रिलीज किया गया था, जिसे दर्शकों ने पसंद किया था। फिल्म का निर्देशन सुमन घोष ने किया है।
अब जानकारी सामने आ रही है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) की मंजूरी मिलने के दो साल बाद इस फिल्म में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने 28 कट की मांग रखी है।
इससे यह फिल्म विवादों में आ गई है।
रिपोर्ट
CBFC ने 2019 में दी थी फिल्म को मंजूरी
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, CBFC की मंजूरी के बाद फिल्म 'आधार' पर अपनी आपत्ति दर्ज कराने के बाद UIDAI और CBFC के बीच खींचतान बढ़ सकती है।
इससे CBFC की विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकता है। 'आधार' को CBFC ने 2019 में अपनी मंजूरी दे दी थी।
UIDAI ने फिल्म में 28 कट के प्रस्ताव के साथ इसकी रिलीज पर रोक लगाने की बात कही है, जब तक कि लीगल ऑथिरिटी की अनुमति नहीं मिल जाए।
सूचना
UIDAI के अधिकारियों ने देखी यह फिल्म
न्यूज पोर्टल को दिल्ली के UIDAI के एक अधिकारी ने बताया है कि उन्होंने यह फिल्म देखी है। कहा गया है कि UIDAI ने फिल्म में कुछ एडिटिंग की मांग की है।
निर्देशक सुमन ने कहा, "जनवरी में फिल्म के ट्रेलर लॉन्च होने के बाद फिल्म को इस साल 5 फरवरी को रिलीज किया जाना था। इसके बाद मेरे प्रोड्यूसर जीओ स्टूडियोज को UIDAI के आधिकारी का एक फोन आया, जिसके बाद उन्होंने फिल्म की स्क्रीनिंग की बात कही।"
कलाकार
फिल्म में दिखेंगे ये कलाकार
सुमन ने बताया कि फिल्म को फरवरी में UIDAI के अधिकारियों को दिखाया गया था। इसके बाद उन्होंने मेकर्स को फिल्म में 28 कट लगाने का सुझाव दिया था।
फिल्म का लेखन और निर्देशन सुमन द्वारा ही किया गया है। फिल्म का सह-निर्माण जीओ स्टूडियोज और दृश्यम फिल्म्स द्वारा किया गया है।
इस फिल्म में विनीत कुमार सिंह, सौरभ शुक्ला, संजय मिश्रा और रघुबीर यादव जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं।
जानकारी
फिल्म के इस डायलॉग पर है UIDAI को आपत्ति
UIDAI को फिल्म के एक डायलॉग पर आपत्ति है, जिसमें एक ग्रामीण प्राइवेसी के मुद्दे को समझने की कोशिश करता है।
फिल्म झारखंड के एक गांव पर आधारित है, जो फरसुआ नामक एक पात्र के इर्दगिर्द घूमती है। फिल्म में इस किरदार को विनीत कुमार अदा करते हैं।
फिल्म के एक डायलॉग में कहा जाता है, "सरकार क्या हमारे गुस्ल खाने में घुस जाएंगे?" इस डायलॉग पर UIDAI को लगता है कि इससे उनकी छवि खराब होती है।