करण जौहर कैमरे के पीछे कैसे हैं? टोटा रॉय चौधरी ने बताया
क्या है खबर?
अभिनेता टोटा रॉय चौधरी को पिछले साल फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' में चंदन चटर्जी के किरदार में नजर आए थे। चौधरी बंगाली सिनेमा के जानेमाने अभिनेता हैं। इस किरदार के जरिए वह हिंदी के दर्शकों के बीच भी मशहूर हो गए।
इन दिनों वह बंगाली वेब सीरीज 'जहां बोलीबो शोट्टो बोलीबो' के लिए चर्चा में है।
इसके प्रचार के दौरान एक बातचीत में उन्होंने करण जौहर के साथ काम करने का अनुभव साझा किया।
किरदार
'रॉकी और रानी' में ऐसा था किरदार
चौधरी ने बताया कि चंदन चटर्जी का किरदार उन्हें संतोषजनक लगता है। इसके लिए उनके पास एक बेहतरीन निर्देशक और साथी कलाकार थे।
'रॉकी और रानी...' में चौधरी ने आलिया भट्ट के किरदार रानी के पिता का किरदार निभाया था। चंदन एक कथक डांसर है, लेकिन समाज एक पुरुष को कथक करते हुए नहीं देखना चाहता। ऐसे में उनका खूब मजाक उड़ाया जाता है और चंदन भीतर ही भीतर घुटता रहता है।
प्रतिक्रिया
चंदन चटर्जी के लिए मिली ऐसी प्रतिक्रिया
'रॉकी और रानी...' को मिली प्रतिक्रिया से चौधरी खुश हैं।
उन्होंने कहा, "फिल्म देखने के बाद कई पुरुष कलाकारों के माता-पिता को समझ में आया कि वे अपने बच्चों को किस पीड़ा में डाल देते हैं। एक पुरुष अधिकार कार्यकर्ता ने मुझसे कहा कि आपको पता नहीं है कि आपने पुरुष कलाकारों पर क्या प्रभाव डाला है। उन्हें कोई समझता ही नहीं है। मुझे समझ में आया कि इसका श्रेय करण का है, जिन्होंने ये किरदार लिखा है।"
करण जौहर
सेट के पीछे कैसे हैं करण?
चौधरी ने कहा, "मैं आपको सच्चाई बताता हूं, करण बेहद दयालु और बेहतरीन इंसान हैं। वह इतने प्यारे व्यक्ति हैं। वह कभी भी सेट पर चिल्लाते नहीं हैं। वह किरदारों को समझने में अपने कलाकारों की मदद करते हैं। उनका सेट सबसे खुशनुमा है। हर कोई शांत और खुश होता है। आप उनके सेट पर खराब काम कर ही नहीं सकते। अगर कोई करण की फिल्म में खराब काम करता है, तो वह फिल्म जगत के लिए नहीं बना है।"
नकारात्मकता
नकारात्मकता से थक चुके हैं करण
चौधरी ने बताया कि करण को जैसा समझा जाता है, वह वैसे बिल्कुल नहीं है। अब वह भी थक चुके हैं और सफाई नहीं देते हैं। करण यह बात मान चुके हैं कि लोग उन्हें हमेशा गलत समझेंगे। वे बस अपना काम करते हैं।
चौधरी ने अनुसार, यह बड़ी बात है कि इतनी नकारात्मकता झेलने के बाद भी वह बदले नहीं हैं। ऐसा किसी और के साथ होता तो, वह बेहद कड़वा इंसान बन जाता।
नेपोटिज्म
करण पर भाई-भतीजावाद के आरोप गलत हैं- चौधरी
बकौल चौधरी, करण खुश और शांत व्यक्ति हैं। निर्देशन करने में उन्हें खुशी मिलती है।
करण पर नेपोटिज्म के आरोपों पर चौधरी ने कहा, "ये जो लोग भाई-भतीजावाद की बातें करते हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि फिल्म जगत में मेरा कोई नहीं था। इसके बाद भी करण जिस तरह मेरे साथ पेश आए, ऐसा व्यवहार मेरे साथ किसी अन्य सेट पर नहीं हुआ है। मुझे लगता है कि इससे पता चलता है कि वह कितने लोकतांत्रिक हैं।"