सलमान खान नहीं, ये हैं भारत के असली टाइगर, जानिए उनकी जांबाजी की कहानी
सलमान खान की फिल्म 'टाइगर 3' ने दिवाली के मौके पर रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर धमाका कर दिया है। फिल्म की ओपनिंग शानदार रही तो इसको लेकर प्रशंसकों के बीच अलग ही उत्साह है। यह टाइगर फ्रैंचाइजी की तीसरी किस्त है, जिसमें सलमान ने अविनाश सिंह राठौड़ उर्फ टाइगर की भूमिका निभाई है। राठौड़ का किरदार तो काल्पनिक है, लेकिन क्या आप भारत के असल जासूस 'टाइगर' के बारे में जानते हैं?
कौन हैं 'टाइगर' रवींद्र कौशिक?
रवींद्र कौशिक का जन्म 1952 में राजस्थान के श्री गंगानगर में वायु सेना अधिकारी जेएम कौशिक के घर हुआ था। अपने कॉलेज के दिनों में रवींद्र थिएटर और वाद-विवाद में हिस्सा लेते थे, जहां भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की नजर उन पर पड़ी। इसके बाद रवींद्र को 2 साल तक दिल्ली में अंडरकवर एजेंट बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया, जहां उन्होंने उर्दू और मुस्लिम के रूप में कैसे रहना है सीखा। रिपोर्ट की मानें तो उन्होंने खतना भी कराया।
पाकिस्तान में स्नातक कर सेना में हुए शामिल
रवींद्र का प्रशिक्षण खत्म होने के बाद उन्हें 1975 में पाकिस्तान भेज दिया गया, जहां वह नबी अहमद शाकिर के नाम से रहने लगे। इसके बाद उन्होंने कराची विश्वविद्यालय से स्नातक की और फिर पाकिस्तानी सेना में शामिल हो गए। 1975-83 तक रवींद्र पाकिस्तान में भारत के सबसे अच्छे जासूसों में से एक थे। आखिर में वह पाकिस्तानी सेना में मेजर के पद तक पहुंच गए और दुश्मन की गतिविधियों पर भारत को खुफिया जानकारी देने लगे।
पाकिस्तान की जेल में हुई मौत
रवींद्र ने अमानत नाम की पाकिस्तानी लड़की से शादी की थी, जो सेना की एक इकाई के दर्जी की बेटी थी। 1983 में ISIS ने उनका पर्दाफाश कर दिया, जिसके बाद उन्हें 1985 में मौत की सजा सुनाई गई। हालांकि, पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने इसे उम्रकैद में बदल दिया। इसके बाद 2001 में TB से पीड़ित होकर पाकिस्तान की मियांवाली जेल में उनकी मृत्यु हो गई। रवींद्र को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 'ब्लैक टाइगर' नाम दिया था।
रवींद्र की जिंदगी से प्रेरित हैं ये फिल्में
रवींद्र की जिंदगी ने कई बॉलीवुड फिल्मों को प्रेरित किया है। सिद्धार्थ मल्होत्रा की 'मिशन मजनू' का एक हिस्सा उनके जीवन से प्रेरित था, जिसमें भारतीय जासूस (सिद्धार्थ) ने रवींद्र की तरह ही एक दर्जी की बेटी से शादी की थी। 'गदर 2' में उत्कर्ष शर्मा को मियांवाली जेल में पकड़ने और प्रताड़ित करने का दृश्य रवींद्र की कहानी से काफी मिलता-जुलता था। आखिर में सलमान की टाइगर फ्रैंचाइजी की सभी फिल्मों में उनके नाम का इस्तेमाल किया गया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
रवींद्र के परिवार ने दावा किया कि था फिल्म 'एक था टाइगर' की कहानी रवींद्र के जीवन पर आधारित थी और उन्होंने फिल्म के शीर्षक में रवींद्र को श्रेय देने की मांग की थी। हालांकि, निर्देशक कबीर खान ने उनके दावे को गलत बताया था।