सुष्मिता के लिए आजादी से बढ़कर कुछ नहीं, प्यार और रिश्ते पर कहीं ये बातें
सुष्मिता सेन बॉलीवुड की वो अभिनेत्री हैं, जो अपने अभिनय के साथ-साथ अपनी बेबाकी और आत्मविश्वास के लिए पसंद की जाती हैं। उनकी सादगी और विनम्रता हर किसी को आकर्षित करती है। बीते दिनों उनकी नई वेब सीरीज 'ताली' रिलीज हुई है। इसके लिए इन दिनों वह चर्चा में हैं और लगातार मीडिया से बातचीत कर रही हैं। अब एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी आजादी और रिश्ते पर अपने विचार रखे हैं।
मैं खुद में पूरी हूं- सुष्मिता
ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को दिए इंटरव्यू में सुष्मिता ने रिश्ते में बंधने पर बात की। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा करने के लिए किसी और की जरूरत नहीं है, बल्कि वह खुद में ही पूरी हैं। उन्होंने कहा, "मैं कभी 18 की थी और मुझसे कहा जाता था कि कोई और आएगा और मुझे पूरा करेगा। मैं खुद में पूरी हूं। अगर कोई उस पूर्ण होने की भावना को बढ़ा सकता है, तो यह खूबसूरत होगा।"
प्यार वो नहीं होता, जो आप दूसरों को जताएं- सुष्मिता
सुष्मिता ने कहा कि उनके लिए उनकी आजादी बहुत महत्वपूर्ण है। वह जैसी हैं, वैसी रह सकें और जो कहना है, वो कह सकें। प्यार के बारे में उन्होंने कहा कि यह सबकुछ है। प्यार से ही वह बनी हैं। प्यार वो नहीं होता, जो आप किसी और को जताएं या महसूस करें। प्यार वो है, ेजो आप खुद हैं। उनके अनुसार, किसी और को प्यार करना भी खुद से प्यार करना है।
'गोल्ड डिगर' कहने वालों पर आती है हंसी
पिछले साल सुष्मिता और बिजनेसमैन ललित मोदी की तस्वीरें सामने आने के बाद लोगों ने सुष्मिता को 'गोल्ड डिगर' कहना शुरू कर दिया था। इसके बाद एक पोस्ट साझा करके उन्होंने ट्रोलर्स को जवाब भी दिया था। एक अन्य इंटरव्यू में सुष्मिता ने इस पर कहा कि उन्होंने प्रतिक्रिया सिर्फ इसलिए दी थी, क्योंकि उन्हें हंसी आ रही थी कि एक तरफ लोग उन्हें गोल्ड डिगर कह रहे थे और दूसरी ओर ऐसा कहकर वे खुद पैसे कमा रहे थे।
'ताली' में किन्नर गौरी सावंत के किरदार में दिखीं सुष्मिता
सुष्मिता की वेब सीरीज 'ताली' हाल ही में जियो सिनेमा पर स्ट्रीम हुई है। इस सीरीज में सुष्मिता गौरी सावंत के किरदार में नजर आई हैं। गौरी किन्नर समुदाय की सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह किन्नरों के कल्याण के लिए 'सखी चार चौगी' नाम की संस्था चलाती हैं। गौरी ने किन्नरों के गोद लेने के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी थी। 2008 में उन्होंने एक 5 साल की बच्ची को गोद लिया था, जिसे मानव तस्करी में धकेला जा रहा था।