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सोनाली बेंद्रे ने बॉलीवुड में 25 सालों को किया याद, इन फिल्मों पर की बात
सोनाली बेंद्रे ने अपने सफर को किया याद (तस्वीर: इंस्टाग्राम/@iamsonalibendre)

सोनाली बेंद्रे ने बॉलीवुड में 25 सालों को किया याद, इन फिल्मों पर की बात

Jan 28, 2024
11:40 am

क्या है खबर?

सोनाली बेंद्रे अपनी फिल्मों से बड़े पर्दे पर राज कर चुकी हैं। उनके अभिनय के साथ ही उनकी खूबसूरती के लिए उन्हें पसंद किया जाता रहा है। 90 के दशक में सोनाली युवाओं के बीच खूब पसंद की जाती थीं। करियर की दूसरी पारी में वह टीवी शो जज करती हुईं चर्चा में बनी रहीं। इस साल उनकी लोकप्रिय फिल्म 'हम साथ साथ हैं' के 25 साल पूरे हो जाएंगे। एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने सफर पर बात की।

समय

लगता ही नहीं कि 25 साल हो गए हैं -सोनाली

हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में सोनाली ने कहा कि उन्हें लगता है ही नहीं है कि इस उन्हें यहां 25 साल हो गए हैं। उन्होंने कहा, "ऐसा लगता ही नहीं है कि इतना समय हो गया है। मेरा 18 साल का बेटा है। मुझे लगना चाहिए कि लंबा वक्त हो गया है। मैं खुद से पूछती हूं कि मुझे क्यों नहीं लगता कि 25 साल हो गए हैं। ऐसा लगता है यह 10 साल पहले की बात है।"

फिल्में

सोनाली ने 'सरफरोश' और 'हम साथ साथ है' को किया याद

सोनाली ने अपनी फिल्में 'सरफरोश' और 'हम साथ साथ हैं' पर बात की। जहां 'सरफरोश' एक पुलिस अधिकारी की कहानी थी, जो सीमापार से आने वाले आतंक को रोकने की कोशिश कर रहा है, वहीं 'हम साथ साथ हैं' पारिवारिक रिश्तों और मूल्यों पर आधारित थी। सोनाली ने कहा कि दोनों ही फिल्में उनके 2 पक्षों को दिखाती हैं। दोनों ही यादगार फिल्में हैं, जिन्हें उन्होंने तसल्ली से देखी थी।

सरफरोश 

'सरफरोश' से खुद को जुड़ा महसूस करती थीं सोनाली

'सरफरोश' की शूटिंग के दौरान सोनाली निर्देशक जॉन मैथ्यू से कई सवाल पूछती थीं। धीमे-धीमे उन्हें समझ आया कि आमिर खान समेत सभी को लगता है कि यह फिल्म अच्छा करेगी। उन्होंने कहा, "सरफरोश में मैं मिडिल क्लास लड़की बनी थी। मैं इससे जुड़ा हुआ महसूस कर रही थी। पहली बार इस अजनबी दुनिया में खुद को जोड़ पा रही थी। मुझे कुछ ऐसा मिला था जो मेरी परवरिश और मेरे व्यक्तित्तव के करीब था।"

सीख

समय से साथ मिली यह सीख

अपने सफर पर बात करते हुए सोनाली ने कहा, "जब मैं आई थी तो बहुत कच्ची थी। मुझे समझ आया कि जब हम बढ़ते हैं और हमारा विकास होता है, तो कुछ चीजें हम नई सीखते हैं और कुछ चीजों को पीछे छोड़ देते हैं। कभी-कभी मुझे कुछ चीजों का अफसोस होता है कि ये रह गया, लेकिन जैसे-जैसे मैं आगे बढ़ी मुझे समझ आया कि ये ऐसे ही होना तय था।"