अभिनेता संजीव कुमार के निधन के 36 साल बाद प्रकाशित होगी उनकी बायोग्राफी
क्या है खबर?
दिवंगत संजीव कुमार अपने जमाने के बॉलीवुड के सदाबहार अभिनेता माने जाते हैं। उन्होंने अपने शानदार अभिनय और डायलॉग डिलीवरी से सभी को प्रभावित किया था।
अब जानकारी सामने आ रही है कि उनके निधन के 36 साल बाद उनकी बायोग्राफी प्रकाशित होने वाली है। इसमें उनके जीवन के कई अनसुने किस्सों का जिक्र किया जाएगा।
उनकी बायोग्राफी को रीता रामामुर्थी गुप्ता और संजीव के भतीजे ने मिलकर लिखा है। बायोग्राफी को हार्पर कॉलिन्स द्वारा प्रकाशित किया जाएगा।
जानकारी
47 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से हुआ संजीव का निधन
2019 में अभिनेता की 34वीं पुण्यतिथि पर उनकी बायोग्राफी लॉन्च करने की खबर सबसे पहली बार सामने आई थी।
उम्मीद की जा रही थी कि संजीव की 35वीं पुण्यतिथि के मौके पर इसका प्रकाशन पिछले साल नवंबर तक हो जाएगा। इस अभिनेता का मात्र 47 साल की उम्र में 6 नवंबर, 1985 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
इस बायोग्राफी को लिखने में दो साल से अधिक का समय लगा है।
बयान
बायोग्राफी की प्रासंगिता के बारे में रीता ने साझा किया अनुभव
बायोग्राफी की प्रासंगिता के बारे में रीता ने अपना अनुभव साझा किया है।
उन्होंने कहा, "बड़ी बात यह है कि संजीव का निधन तब हुआ था, जब इंटरनेट जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इस किताब में उनके बारे में अधिक जानकारी मिलेगी। इंडिया के बेस्ट फिल्म स्कूल में संजीव साहब के बारे में पढ़ाया जाता है। उनका उदाहरण देकर समझाया जाता है कि वॉइस मॉड्यूलेशन क्या है। पढ़ाया जाता है कि कैसे वह कैमरा के सामने मूव करते थे।"
सूचना
संजीव के प्रशंसकों ने बायोग्राफी लिखने में की मदद
रीता ने बताया कि संजीव साहब के दोस्त और उनके प्रशंसकों ने उनके साथ के बिताए अपने अनुभव शेयर किए हैं।
संजीव के लिए प्रेरणा रहे कई शख्स अब इस दुनिया में नहीं हैं। उन्होंने बताया कि राज कुमार, सुनील दत्त और साउथ इंडियन सुपरस्टार शिवाजी गणेशन जैसे दिग्गज कलाकारों से बात करना उनके लिए जरूरी था।
संजीव के मैनेजर जमनादास जी का भी 2006 में निधन हो गया था। इन लोगों का अनुभव बायोग्राफी को अलग मुकाम देता।
जानकारी
ऐतिहासिक दस्तावेज पर आधारित होगी बायोग्राफी
जब रीता से इस बायोग्राफी के बारे में पूछा गया कि क्या यह विवादास्पद होगी तो इस पर उन्होंने बताया कि यह एक ऐतिहासिक दस्तावेज पर आधारित होगी।
उन्होंने बताया कि इस बायोग्राफी को लिखने में संजीव के परिवार और उनके फैंस ने मदद की है।
इस बायोग्राफी के प्रकाशन हार्पर कॉलिन्स के पब्लिशर कृष्ण चोपड़ा ने कहा कि इस किताब के रिलीज होने के बाद संजीव के बारे में कई गलतफहमियां दूर हो जाएंगी।
करियर
सदाबहार रहा है संजीव का फिल्मी सफर
संजीव का फिल्मी करियर काफी सफल रहा है। फिल्म 'शोले' में ठाकुर की भूमिका निभाने के लिए उन्हें काफी लोकप्रियता मिली थी।
संजीव को दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। 1970 में आई फिल्म 'दस्तक' और 1972 में रिलीज हुई फिल्म 'कोशिश' के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले हैं।
इसके अलावा उन्होंने 'आंधी', 'मौसम' और 'अंगूर' जैसी फिल्मों में अभिनय किया है। वह 1970 में आई फिल्म 'खिलौना' में भी नजर आए थे।