'हीरामंडी': क्या आएगा संजय लीला भंसाली की सीरीज का दूसरा सीजन? उठा राज से पर्दा
संजय लीला भंसाली की पहली वेब सीरीज 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' की चर्चा इसके ऐलान के बाद से ही हो रही थी और अब रिलीज के बाद यह चारों ओर छाई हुई है। सभी इसकी तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं। सभी के दिलों में अभी से ही इसके दूसरे सीजन को लेकर बेकरारी है। एक सवाल जो सबके दिलों में है वह यह कि आखिर 'हीरामंडी 2' कब रिलीज होगी। इस बात का जवाब खुद भंसाली ने दिया है।
'हीरामंडी' का दूसरा सीजन नहीं बनाएंगे भंसाली
IMDb द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में भंसाली ने स्वीकार किया कि 'हीरामंडी' बहुत मुश्किल था और यह कुछ ऐसा नहीं है जिसे वह दोहराने की संभावना रखते हैं। वह बोले, "हमने इसे बनाया है, मैंने इसे बनाने का आनंद लिया है, और मैं भगवान का आभारी हूं कि हमने इसे बनाया... यह एक बहुत ही कठिन प्रोजेक्ट था। कोई भी दोबारा 'हीरामंडी' नहीं बना पाएगा, ना ही मैं इसे दोबारा बना पाऊंगा, क्योंकि ऐसा एक बार होता है।''
2 घंटे की फिल्म में नहीं बनाई जा सकती थी 'हीरामंडी'- भंसाली
भंसाली ने इस वीडियो में यह भी बताया कि इसे बनाने में लगी मेहनत का जिक्र किया और बताया कैसे उन्होंने इतने सालों तक इस सीरीज के विचार पर काम किया है। उन्होंने कहा, "यह 3-4 बड़ी फिल्में बनाने जैसा था। 'हीरामंडी' का विचार लगभग 2 दशकों तक उनके दिमाग से नहीं निकला। हर फिल्म के बाद, हीरामंडी सामने आती थी। लेकिन मैं कहूंगा, यह बहुत विशाल है और इसे 2 घंटे की फिल्म में तब्दील नहीं किया जा सकता।"
सीरीज में बनाने का लिया निर्णय
इसके बाद भंसाली ने बताया कि एक समय ऐसा आया जब उन्हें लगा कि इसे फिल्म नहीं बल्कि सीरीज के रूप में बनाना चाहिए क्योंकि सीरीज इसकी विशालता के साथ न्याय करती है। बता दें, भंसाली को 'हीरामंडी' बनाने में 14 साल का समय लगा।
'हीरामंडी' को ओर आकर्षित क्यों थे भंसाली
निर्देशक ने खुलासा किया की इस कहानी के प्रति उनको इतना आकर्षण क्यों था। वह बोले, "तवायफों में भी गुस्सा था, उनके पास खुशियां थीं, वह भी रानियां थीं, लेकिन दुःख और करुणा भी है। यह सब महसूस किया जाना चाहिए। इसके लिए सेट को जीवंत करना भी जरूरी था क्योंकि जब अभिनेता अंदर आएगा तो इसे जीवंत होना होगा। एक खास माहौल बनाना बहुत जरूरी था।'' ऐसे में उनके अनुसार यह सब करना बहुत मुश्किल था।
क्या है 'हीरामंडी' की कहानी?
'हीरामंडी' की कहानी आजादी से पहले लाहौर में स्थित एक वैश्यालय पर आधारित है। इसमें तवायफों के जीवन में प्यार, धोखा, राजनीति को दर्शाया गया है। इसके साथ ही आजादी में उनके योगदान को भी दिखाया गया है। इस सीरीज में मनीषा कोइराला, ऋचा चड्ढा, अदिति राव हैदरी, सोनाक्षी सिन्हा, संजीदा शेख और शरमीन सहगल मुख्य भूमिकाओं में हैं। भंसाली की सीरीज को जरिए फरदीन खान ने 14 साल बाद अभिनय की दुनिया में वापसी की है।