'द फैमिली मैन 2' रिव्यू: बेहतरीन रोमांच, एक्शन और ड्रामे के बीच कॉमेडी का तड़का
लंबे इंतजार के बाद 'द फैमिली मैन 2' का आगाज हो गया है। पुराने फैमिली मैन का ड्रामा नए फैमिली मैन यानी दूसरे सीजन में भी बरकरार है। सीरीज के निर्देशन की कमान संभाली है राज निदिमोरु और कृष्णा डीके ने। अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई इस सीरीज में मनोज बाजपेयी, सामंथा अक्किनेनी, प्रियामणि, सीमा बिस्वास और शारिब हाशमी ने अहम भूमिका निभाई है। आइए जानते हैं कैसा है नौ एपिसोड में सिमटा 'द फैमिली मैन' का दूसरा सीजन।
कुछ ऐसी है कहानी
दूसरे सीजन की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां से पहले सीजन की खत्म हुई थी। गैसकांड को अपनी असफलता मान चुका श्रीकांत तिवारी (मनोज बाजपेयी) सीक्रेट इंटेलिजेंस संस्था (TASC) छोड़ चुका है और घटना में मारे गए लोगों की मौत का बोझ लिए एक कॉर्पोरेट कंपनी में नौकरी करने लगता है। एक तरफ श्रीकांत का दिल और दिमांग TASC पर लगा है, वहीं अपनी पारिवारिक जिंदगी को पटरी पर लाने की उसकी हर कोशिश नाकाम हो रही है।
श्रीकांत की TASC में वापसी के बाद होता है धमाका
श्रीकांत अपनी कंपनी में अपने से आधी उम्र के व्यक्ति से डांट खा रहा है। परिवार में रायता फैला है। एक तरफ पत्नी शुचि (प्रियामणि) के साथ नोक-झोंक और दूसरी तरफ बेटी के बागी तेवर भी समानांतर चलते रहते हैं, वहीं, श्रीकांत के मन में अब भी एजेंसी में चल रहीं घटनाओं को जानने की सुगबुगाहट रहती है। निजी जिंदगी से तंग आकर आखिरकार श्रीकांत दोबारा TASC का हिस्सा बन जाता है और असल कहानी यहीं से शुरू होती है।
उम्मीद पर सौ फीसदी खरे उतरे बाजपेयीे
'द फैमिली मैन' का नया सीजन एक बार फिर बाजपेयी के नाम है। अपने किरदार का आंतरिक संघर्ष बखूबी दिखाने वाले श्रीकांत के चेहरे की झुंझलाहट अब भी पहले जैसी ही है। उनके डायलॉग आपको हंसाएंगे भी। नए सीजन में एक्शन और गालियों का डोज भी ज्यादा है। बाजपेयी एक बार फिर बतौर हीरो दर्शकों को बांधे रखने में सफल रहे। पत्नी से लड़ाई हो, कॉमेडी हो या दुश्मनों से भिड़ंत, वह हर सीन में शानदार नजर आए।
सामंथा भी अपने किरदार में सटीक नजर आईं
दूसरे सीजन में साउथ की मशहूर अभिनेत्री सामंथा अक्किनेनी की एंट्री हुई है। वह राजी के रूप में शो की खोज हैं। आप एक पल के लिए हैरान रह जाएंगे कि सामंथा एक्टिंग कर रही हैं। उन्होंने अपने किरदार में जान फूंकने के लिए कितनी मेहनत की, वह पर्दे पर साफ नजर आया। पूरे समय आंखों में वीरानी, दर्द और छटपटाहट को लेकर चलना आसान नहीं था, लेकिन सामंथा ने बड़ी बारीकी से राजी का किरदार पर्दे पर उकेरा।
दूसरे कलाकारों का अभिनय भी अव्वल
'द फैमिली मैन 2' की खास बात यह है कि हर कलाकार अपनी भूमिका के साथ खरा उतरा है। बाजपेयी के दोस्त शारिब हाशमी उर्फ जेके ने अपने किरदार में पहले सीजन की तरह एक बार फिर जान भर दी। सीरीज में प्रियामणि से लेकर सीमा बिस्बास, दलीप ताहिल, सनी हिंदुजा और शरद केलकर तक हर सितारे ने अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। कुछ कलाकारों ने अपने अभिनय के दम पर छोटे रोल को भी बड़ा बना दिया।
कसा हुआ है नए सीजन का निर्देशन
राज और निदिमोरु ने बड़ी ही खूबसरती से वेब सीरीज की कहानी को पिरोया है। कहानी में रोमांच से लेकर, एक्शन, ड्रामा और मजाकिया पल भी देखने को मिलते हैं। राज और डीके ने इस सीजन को भी काफी दिलचस्प बनाए रखा है। सीरीज का हर एपिसोड कमाल का है, जो अगले एपिासेड को देखने के लिए जिज्ञासा पैदा करता है। कहानी एक रफ्तार से चलती है, ना धीमी और ना तेज। इसके लिए निर्देशक को पूरा श्रेय जाता है।
कहां हुई चूक?
शुरुआत में 'द फैमिली मैन 2' की 5-7 मिनट की कहानी तमिल में चलती रहती है। सब्टाइटल केवल अंग्रेजी में हैं। कहानी के कई संवाद भी तमिल में हैं। हिंदी भाषी लोगों के लिए मुश्किल यह है कि सब्टाइटल समझने के चक्कर में सीन मिस हो जाता है। सामंथा को सांवला बनाने के लिए किया गया मेकअप भी अखरता है। इस किरदार के लिए किसी गोरी लड़की के चेहरे पर मेकअप करने के बजाय सांवली हीरोइन लेना बेहतर विकल्प होता।
देखें या ना देखें?
कुल मिलाकर देखा जाए तो इस सीरीज को देखने का अनुभव शानदार रहा। इसके पूरे नौ एपिसोड देखने के बाद आप यकीनन बोर नहीं होने वाले। अगर बाजपेयी के फैंस के लिए हम इसे ट्रीट कहें तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि उनकी मौजूदगी ने एक बार फिर सीजन में चार चांद लगा दिए। बढ़िया निर्देशन और अच्छे अभिनय से लबरेज इस सीरीज को देखना बनता है। हमारी तरफ से 'द फैमिली मैन 2' को पांच में से चार स्टार।