राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक-सिनेमैटोग्राफर केवी आनंद का निधन, कोरोना वायरस से थे संक्रमित
साउथ के मशहूर निर्देशक और सिनेमैटोग्राफर केवी आनंद का आज 54 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया। बीती रात उनके सीने में तेज दर्द उठा जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां इलाज के दौरान शुक्रवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। कुछ दिन पहले ही आनंद कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। लिहाजा किसी को भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली। आइए जानते हैं उनकी याद में किसने क्या लिखा।
केवी आनंद के निधन की खबर दिल तोड़ने वाली है- रजनीकांत
केवी आनंद के जाने से पूरी तमिल इंडस्ट्री सकते में है। साउथ की कई हस्तियां उनके जाने पर शोक प्रकट कर रही हैं। रजनीकांत ने ट्विटर पर लिखा, 'केवी आनंद के निधन की मौत की खबर दिल तोड़ने वाली और चौंकाने वाली है। उनके परिवार के प्रति शोक व्यक्त करता हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।' अभिनेत्री नीलिमा ने लिखा, आपकी आत्मा को शांति मिले केवी आनंद सर, ये खबर सुन स्तब्ध हूं। मेरे पास शब्द नहीं हैं।'
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अल्लू अर्जुन और पृथ्वीराज सुकुमार भी हुए भावुक
सुपरस्टार अल्लू अर्जुन ने आनंद को याद करते हुए लिखा, 'सुबह उठते ही यह बुरी खबर सुनी कि केवी आनंद नहीं रहे। एक बेहतरीन कैमरामैन, शानदार निर्देशक और बहुत अच्छे इंसान। सर आप हमेशा याद रहेंगे और हम आपको बहुत मिस करेंगे। रेस्ट इन पीस सर।' पृथ्वीराज सुकुमार ने भी ट्वीट किया, 'RIP केवी आनंद सर। आपने मेरे करियर को बनाने में बेहद अहम भूमिका निभाई है। इससे आप खुद भी अनजान थे। भारतीय सिनेमा आपको कभी भूल नहीं पाएगा।'
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फिल्ममेकर रमेश बाला और धनुष ने भी किया याद
फिल्ममेकर रमेश बाला ने लिखा, 'दो हफ्ते पहले केवी आनंद की पत्नी और उनकी बेटी कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं। उन्होंने खुद को घर पर आइसोलेट कर लिया था।' उन्होंने लिखा, 'इसी बीच केवी आनंद भी कोरोना पॉजिटव पाए गए। उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ थी। वह अस्पताल में भर्ती हुए और यहां उन्होंने दम तोड़ दिया।' अभिनेता धनुष ने लिखा, 'इतने प्यारे और जिंदादिल इंसान। आप बहुत जल्दी चले गए केवी आनंद सर.. बहुत जल्दी।'
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आनंद ने बतौर फोटो जर्नलिस्ट शुरू किया था काम
केवी आनंद ने अपने करियर की शुरुआत एक फ्रीलांस फोटोग्राफर के तौर पर की थी। बहुत सी बड़ी पत्रिकाओ ने उनके काम को प्रकाशित किया था। इसके बाद उन्होंने असिस्टेंट सिनेमैट्रोग्राफर के तौर पर काम किया। बतौर असिस्टेंट उन्होंने 'गोपुरा वसलीले', 'आमरण', 'थेवर मगन' और 'थिरुदा थिरुदा' फिल्मों के लिए काम किया। 1994 में आई प्रियदर्शन की फिल्म 'थेनमाविन कोमबाथ' में उन्होंने बतौर सिनेमैट्रोग्राफर काम किया। इस फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था।
कई बॉलीवुड फिल्मों के लिए भी की सिनेमैटोग्राफी
आनंद ने बॉलीवुड फिल्मों में भी बतौर सिनेमैटोग्राफर काम किया। उन्होंने 'डोली सजा के रखना', 'जोश', 'नायक-द रियल हीरो', 'द लीजेंड ऑफ भगत सिंह और 'खाकी' में काम किया था। वह इंडियन सोसाइटी ऑफ सिनेमैटोग्राफर्स की स्थापना करने वाले सदस्यों में से एक थे।