#NewsBytesExplainer: क्या है 4DX और IMAX 3D के बीच का अंतर? जानिए इसके बारे में सबकुछ
बॉलीवुड हो या फिर हॉलीवुड, यहां साल भर में सैकड़ों फिल्मों का निर्माण होता है और उन्हें अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जाता है। आजकल कुछ फिल्में IMAX 3D में रिलीज हो रही हैं तो कुछ को 4DX में रिलीज किया जा रहा है। इसकी तरह 3D और 2D फॉर्मेंट तो पहले से ही चले आ रहे हैं, लेकिन क्या आप IMAX 3D और 4DX बीच के अंतर को जानते हैं? आइए आपको विस्तार से इनके बारे में बताते हैं।
क्या होती हैं 3D फिल्में?
3D फिल्में वास्तविक जैसी दिखाई देती हैं, लेकिन इन्हें देखने के लिए एक खास तरह का चश्मा दिया जाता है, जिसे पोलेराइड चश्मा कहते हैं। यदि चश्मे के बिना फिल्म देखी जाए तो फिल्म धुंधली दिखती है और इसमें मजा नहीं आता। भारत में 3D में दिखाई गई पहली फिल्म 1984 में 'आई माय डियर कुट्टीचाथन' थी, लेकिन इसका चलन 2000 के बाद से ज्यादा हुआ है। अब कई बॉलीवुड में फिल्में 3D में रिलीज होती हैं।
क्या होता है IMAX?
बात करते हैं IMAX की, जिसमें फिल्म की ऑडियो और वीडियो पर फोकस रहता है। दरअसल, इसमें फिल्म में दिखाई दे रहे किरदार पर्दे पर और भी अधिक स्पष्ट तरीके से नजर आते हैं। इसके साथ ही इसमें ऑडियो क्वालिटी भी बेहद शानदार रहती है, जो फिल्म देखने का अलग अनुभव देती है। बॉलीवुड में इस तकनीक का इस्तेमाल सबसे पहले 2004 में आई अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा की फिल्म 'धूम' के लिए किया गया था।
इतनी बड़ी होती है IMAX की स्क्रीन
IMAX दो प्रकार के होते हैं। IMAX थिएटर और IMAX डोम, जिन्हें स्क्रीन के साइज के आधार पर बांटा गया है। IMAX थिएटर एक घुमावदार स्क्रीन होती है, जिसे आगे से कवर किया जा सकता है। आमतौर पर स्क्रीन की ऊंचाई 16 मीटर और चौड़ाई 22 मीटर होती है, लेकिन आपको कुछ IMAX थिएटर में 30 मीटर तक ऊंची स्क्रीन भी मिलेंगी। इसी तरह IMAX डोम में गुंबद की तरह के आकार की 30 मीटर तक ऊंची स्क्रीन होती हैं।
IMAX 3D में मिलता है एकदम अलग अनुभव
IMAX 3D में फिल्मों को एक विशाल स्क्रीन पर दिखाया जाता है, जिसकी ऑडियो क्वालिटी बेहद शानदार होती है। इसके लिए हाई टेक स्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है ताकि फिल्म देखते समय किसी तरह का कोई रुकावट न आए। IMAX 3D में फिल्म देखने ऐसा अनुभव देता है कि आप भी इसका हिस्सा हैं। इसमें कुछ चीजें आपको दूर नजर आती हैं तो कुछ एकदम पास में दिखती हैं। भारत में फिलहाल 24 IMAX 3D सिनेमाघर मौजूद हैं।
4DX में होता है यह अंतर
4DX में फिल्म देखने का अनुभव IMAX 3D से एकदम अलग है। इसमें आपको फिल्म देखते समय उसमें हो रही हलचल भी महसूस होगी। फिल्म में जैसे-जैसे मूवमेंट होगा आपकी कुर्सी भी उसी तरह से हिलती रहेगी। 4DX में अधिकांश सिनेमाघरों की तुलना में छोटी स्क्रीन होती है। ये IMAX की तरह सामने की पूरी दीवार को कवर नहीं करती। रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में फिलहाल PVR के पास 10 4DX स्क्रीन तो सिनेपोलिस के 5 4DX स्क्रीन मौजूद हैं।
फिल्मों निर्माण में रखा जाता है ध्यान
किसी फिल्म को IMAX में रिलीज करने के लिए उसकी शूटिंग भी उसी प्रकार से होती है। इसके लिए हाई रिजॉल्यूशन की आवश्यकता होती है क्योंकि IMAX में फिल्मों को बड़ी स्क्रीन पर दिखाया जाता है। इसके विपरीत 4DX के लिए ऐसा नहीं होता क्योंकि इसमें सिनेमाई अनुभव पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। इससे मतलब यह है कि इसमें पिक्चर क्वालिटी से ज्यादा फिल्म में दिखाई जा रही चीजों को महसूस करने पर ध्यान केंद्रित रहता है।
टिकट की कीमत में भी होता है अंतर
IMAX और 4DX दोनों में टिकट की कीमत ज्यादा रहती है, लेकिन इन दोनों के बीच में IMAX सस्ता है। 4DX थिएटर इसलिए महंगे हैं क्योंकि 4D तकनीक के कारण फिल्म में अधिक योजना और प्रोग्रामिंग की आवश्यकता होती है। लाइव मिंट के अनुसार, टिकट की कीमत आम तौर पर सामान्य दर से दो से तीन गुना होती है, जो 500 से 1,200 तक है। इनकी देखभाल करना नियमित प्रोजेक्टरों की तुलना में तीन से चार गुना अधिक है।
हाल ही में इस फॉर्मेट में रिलीज हुई फिल्में
आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' 3D, IMAX 3D और 4DX में रिलीज हुई थी। इसी तरह मणिरत्नम की 'पोन्नियिन सेल्वन 2' 4DX फॉर्मेट में रिलीज होने वाली पहली दक्षिण भारतीय फिल्म बनी है। यह फिल्म 3D में भी रिलीज हुई थी।