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सतीश कौशिक फिल्म देखने के लिए बेचते थे अपनी ही किताबें, जानिए उनसे जुड़े दिलचस्प किस्से
जानिए सतीश कौशिक से जुड़ी बातें

सतीश कौशिक फिल्म देखने के लिए बेचते थे अपनी ही किताबें, जानिए उनसे जुड़े दिलचस्प किस्से

लेखन मेघा
Mar 09, 2024
11:58 am

क्या है खबर?

सतीश कौशिक हिंदी सिनेमा के उन सितारों में शुमार हैं, जिन्होंने अपनी उम्दा अदाकारी से दर्शकों को अपना मुरीद बनाया है। अभिनेता की गिनती उन सितारों में होती है, जो अभिनय के साथ निर्देशन में भी माहिर थे। 9 मार्च, 2023 को इस दुनिया को अलविदा कहने वाले अभिनेता भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी शानदार फिल्में हमेशा उनके चाहने वालों के दिलों में रहेंगी। आइए इस मौके पर उनकी जिंदगी से जुड़ी दिलचस्प बातें जानते हैं।

विस्तार

मां के पैसे चुराने पर पड़ा 'हरी पत्ती' नाम

13 अप्रैल, 1956 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में जन्मे अभिनेता को बचपन से ही अभिनय में रुचि थी। उन्हें फिल्में देखने का भी शौक था और इसलिए वह अपनी किताबें बेचकर फिल्म देखने पहुंच जाते थे। इतना ही नहीं एक बार तो अभिनेता ने अपनी मां के 5 रुपये चुरा लिए थे, जिसके बारे में पड़ोसियों को भी पता चल गया था। इस घटना के बाद से ही लोग उन्हें 'हरी पत्ती' कहकर बुलाने लगे थे।

दुखद

2 साल के बेटे के निधन से टूट गए थे अभिनेता

अपनी अदाकारी से लोगों को हंसाने वाली सतीश की जिंदगी से जुड़ा एक किस्सा ऐसा भी है, जिससे वह बुरी तरह टूट गए थे। 1985 में सतीश की शादी शशि से हुई और 1994 में दोनों के घर बेटे का जन्म हुआ, लेकिन 2 साल बाद ही बेटे का निधन हो गया। इस घटना के बाद सतीश को गहरा सदमा लगा था। इसके बाद 2012 में सरोगेसी की मदद से उनके घर बेटी वंशिका का जन्म हुआ।

शादी

गर्भवती नीना गुप्ता को दिया था शादी करने का प्रस्ताव

पर्दे पर सतीश जितने अच्छे अभिनेता थे, उतने ही अच्छे दोस्त वह असल जिंदगी में भी थे। नीना गुप्ता ने अपनी किताब 'सच कहूं तो' में सतीश संग अपनी दोस्ती का जिक्र करते हुए बताया था कि जब वह गर्भवती थी तो अभिनेता उनसे शादी करने के लिए तैयार हो गए थे। दरअसल, नीना शादी से पहले मां बनने वाली थीं और काफी परेशान थीं। ऐसे में सतीश उनके साथ खड़े थे और उन्हें शादी करने का प्रस्ताव दिया था।

निर्देशन

सलमान खान की फिल्म का निर्देशन कर मिली पहचान

सतीश ने 1983 में फिल्म 'मंडी' से सफर शुरू किया तो इसी साल वह फिल्म 'मासूस' में सहायक निर्देशक और छोटी-सी भूमिका में दिखे। अभिनेता को 'कैलेंडर', 'चंदा मामा' और 'पप्पू पेजर' जैसे उनके किरदारों के नाम से भी अलग पहचान मिली। 1993 में सतीश ने 'रूप की रानी चोरों का राजा' से निर्देशन क्षेत्र में कदम रखा, लेकिन यह फिल्म फ्लॉप साबित हुई। इसके बाद 2003 में उन्हें सलमान खान के साथ आई फिल्म 'तेरे नाम' से पहचान मिली।

जानकारी

'कागज 2' में दिखे सतीश

सतीश 2021 में पंकज त्रिपाठी अभिनीत फिल्म 'कागज' लेकर आए थे। उन्होंने इसमें अभिनय के साथ निर्देशन भी किया। अब 1 मार्च को फिल्म 'कागज 2' ने सिनेमाघरों में दस्तक दी है। यह अभिनेता की आखिरी फिल्म है, जिसका निर्देशन वीके प्रकाश ने किया।